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Brijbhushan Singh : बृजभूषण शरण सिंह की जगह BJP किसे उतारने वाली है? (पॉलिटिकल हिस्ट्री)

Loksabha Election: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 51 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं, और जल्द ही 24 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा हो सकती ...

Loksabha Election: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 51 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं, और जल्द ही 24 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा हो सकती है, लेकिन इस बीच गोंडा के कैसरगंज सीट पर सबकी नजर टिकी हुई है। क्योंकि इससीट पर मौजूदा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह को उतारने को लेकर पेंच फंसा हुआ है। 

Brijbhushan Singh : बृजभूषण शरण सिंह की जगह BJP किसे उतारने वाली है? , पॉलिटिकल हिस्ट्री - पूर्वांचल समाचार
Brijbhushan Singh

कभी यह कहा जाता है, कि ब्रजभूषण शरण सिंह का पत्ता कैसरगंज से कट सकता है और बीजेपी इस सीट के लिए नए विकल्प तलाश रही है, लेकिन इन सब कयासों के बीच एक नई जानकारी निकल कर सामने आई है।

सूत्रों की माने तो बीजेपी इस सीट को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती बहरहाल बीजेपी इस सीट से ब्रजभूषण शरणसिंह के परिवार से ही किसी को मैदान में उतारने की तैयारी में है। हालांकि इसको लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

अब सवाल उठता है, कि आखिर बीजेपी इस सीट से किसको उतार सकती है। इसमामले को लेकर सूत्रों का दावा है, कि बीजेपी वहां से ब्रजभूषण शरण सिंह के बड़े बेटे प्रतीक भूषण शरण सिंह को उतार सकती है। 

जो गोंडा सदर सीट से बीजेपी के विधायक हैं, इतना ही नहीं कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि शायद बीजेपी यहां से ब्रजभूष णशरण सिंह की पत्नी श्रीमती केतकी सिंह को भी मैदान में उतार सकती है। श्रीमती केतकी सिंह पहले भी सांसद रह चुकी हैं। लेकिन अब तक इस मामले को लेकर बीजेपी की ओर से कुछ भी साफ नहीं किया गया है।

अब चलिए आपको बताते हैं, कि ब्रजभूषण शरण सिंह को लेकर बीजेपी भी क्यों फूक फूक कर कदम रख रही है।

बृजभूषण शरण सिंह का युवाओं से जुड़ाव 

गोंडा में सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह की ताकत को बीजेपी हलके में नहीं ले रही कारण है, युवाओं में ब्रजभूषण शरण सिंह की मजबूत पकड़ दावा तो यहां तक किया जा रहा है, कि ब्रजभूषण शरण सिंह के साथ करीब-करीब 1 लाख युवा जुड़े हुए हैं अगर उनकी पॉलिटिकल हिस्ट्री की बात करें तो 1991 में राममंदिर आंदोलन के अगुआ कारों में ब्रजभूषणशरण सिंह का राजनीति में उभार हुआ। वह साकेत महाविद्यालय से पढ़ाई और छात्रराजनीति से निकलकर सीधे राम मंदिर आंदोलन से जुड़ गए।

इसके बाद राम लहर में उन्होंने साल 1991 में गोंडा लोकसभा सीट जीत ली और उसके बाद वह कभी पीछे मुड़कर उन्होंने नहीं देखा लेकिन अपने पॉलिटिकल करियर के दौरान ब्रजभूषण शरण सिंह का नाम कई कंट्रोवर्सीज में आया जिसमें सबसे बड़ा मामला था, महिला पहलवानों का उनके खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोपलगाए थे।

जिसे लेकर सात पहलवानों ने उन पर यौन शोषण के दो मुकदमे दर्ज कराए थे, इनमें एक केस नाबालिक पहलवान ने दर्ज करवाया था। हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गई थी पहलवानों की शिकायत पर ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज केस में धारा 354 354ए और डी के तहत चार्ज शीट दाखिल की गई है। सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर लगातार लग रहे आरोपों की वजह से बीजेपी भी बैकफुट पर नजर आ रही है।