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PM's video message on the 100th anniversary of Kadva Patidar Samaj | प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ को संबोधित किया

 D elhi: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से कड़वा पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ को संबोधित किया। Kadva Pati...

 Delhi: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से कड़वा पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ को संबोधित किया।

PM's video message on the 100th anniversary of Kadva Patidar Samaj | प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ को संबोधित किया imagePM's video message on the 100th anniversary of Kadva Patidar Samaj | प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ को संबोधित किया
Kadva Patidar Samaj


अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सनातनी शताब्दी महोत्सव के अवसर पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब उन्हें किसी कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी की उपस्थिति में शामिल होने का अवसर मिला है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन केवल एक शब्द नहीं है, यह नित्य-नवीन है, नित्य-परिवर्तनशील है। इसमें अतीत से खुद को बेहतर बनाने की इच्छा शामिल है और इसलिए यह शाश्वत, अमर है”

प्रधानमंत्री ने कड़वा पाटीदार द्वारा समाज सेवा के 100 वर्ष, युवा शाखा के 50 साल और महिला शाखा के 25 वर्ष पूरे होने के सुखद संयोग का उल्लेख किया। उन्होंने आगे कहा कि सफलता और समृद्धि उस समय सुनिश्चित होती है, जब समाज के युवा व महिलाएं अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेते हैं। प्रधानमंत्री ने श्री अखिल भारतीय कच्छ कड़वा पाटीदार समाज के युवा व महिला शाखा की निष्ठा के लिए आभार व्यक्त किया और सनातनी शताब्दी महोत्सव में उन्हें परिवार के एक सदस्य के रूप में शामिल करने को लेकर कड़वा पाटीदार समाज को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “सनातन केवल एक शब्द नहीं है, यह नित्य-नवीन है, नित्य-परिवर्तनशील है। इसमें अतीत से स्वयं को बेहतर बनाने की इच्छा शामिल है और इसलिए यह शाश्वत, अमर है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, "किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा में प्रतिबिम्बित होती है।" उन्होंने आगे रेखांकित किया कि भविष्य की दृष्टि से पाटीदार समाज का सौ साल पुराना इतिहास और श्री अखिल भारतीय कच्छ कड़वा समाज की सौ साल की यात्रा, भारत और गुजरात को समझने का एक माध्यम है। प्रधानमंत्री ने विदेशी आक्रमणकारियों की ओर से भारतीय समाज पर सैकड़ों वर्षों तक किए गए अत्याचारों का उल्लेख किया। उन्होंने रेखांकित किया कि भूमि के पूर्वजों ने अपनी पहचान को मिटने और अपनी आस्था को खंडित नहीं होने दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम इस सफल समाज की मौजूदा पीढ़ी में सदियों पहले के बलिदानों के प्रभाव को देख रहे हैं।" उन्होंने आगे उल्लेख किया कि कच्छ कड़वा पाटीदार समुदाय लकड़ी, प्लाईवुड, हार्डवेयर, संगमरमर, निर्माण सामग्री जैसे क्षेत्रों में अपने श्रम और क्षमता के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि परंपराओं को लेकर सम्मान साल दर साल बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समाज ने अपने वर्तमान का निर्माण किया और अपने भविष्य की नींव रखी है।


प्रधानमंत्री ने अपने राजनीतिक जीवन और इस समाज के साथ जुड़ाव उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कई विषयों पर कड़वा पाटीदार समाज के साथ काम करने के अवसरों को याद किया। उन्होंने कच्छ भूकंप का उल्लेख किया और राहत व पुनर्निर्माण के प्रयासों में शामिल होने के लिए इस समुदाय की ताकत की सराहना की। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसने उनमें हमेशा आत्मविश्वास की भावना उत्पन्न की। उन्होंने इसका उल्लेख किया कि कैसे कच्छ को देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक माना जाता था, जहां जल संकट, भुखमरी, जानवरों की मौत, पलायन और बदहाली के मुद्दे इसकी पहचान बन गए थे। 

प्रधानमंत्री ने कहा, "लेकिन कई वर्षों से हमने मिलकर कच्छ का कायाकल्प किया है।" उन्होंने कच्छ के जल संकट को हल करने और इसे विश्व के एक विशाल पर्यटन स्थल में बदलने के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इसे 'सबका प्रयास' का एक बड़ा उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने आज देश में सबसे तेजी से विकसित होने वाले जिलों में कच्छ के होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और उन्होंने इस क्षेत्र से बेहतर कनेक्टिविटी, बड़े उद्योगों व कृषि निर्यात का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने श्री अखिल भारतीय कच्छ कड़वा पाटीदार समाज को आगे ले जाने वाले और नारायण रामजी लिम्बानी से प्रेरणा लेने वाले लोगों के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को रेखांकित किया।