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Hanuman Ji Ki Aarti | हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics

हनुमान जी के पूजा के बाद हनुमान जी की आरती Hanuman Ji Ki Aarti अवश्य करनी चाहिए तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है। हनुमान जी की आरती करने से सभी प...

हनुमान जी के पूजा के बाद हनुमान जी की आरती Hanuman Ji Ki Aarti अवश्य करनी चाहिए तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है। हनुमान जी की आरती करने से सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलती है। इसके साथ अगर किसी व्यक्ति के उपर ग्रह दोष है तो हनुमान जी के दया से सभी ग्रह अनुकूल हो जाते है।

Hanuman Ji Ki Aarti | हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics photo
Hanuman Ji Ki Aarti


हनुमान जी की आरती भय से छुटकारा दिलाने में बहुत असर करता है। हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते है। इनको लाल वस्तुए अत्यन्त प्रिय है। हनुमान चालीसा के पाठ  के बाद हनुमान जी की आरती करने से भगवान श्री राम की असीम कृपा प्राप्त होती है।


हनुमान जी का मंत्र 

हनुमान जी की आरती से पूर्व श्री हनुमते नमः का कम से कम 5 बार जाप करने से हनुमान जी जल्द प्रसन्न होते है

श्री हनुमते नमः

 Hanuman Ji Ki Aarti हनुमान जी की आरती 


आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्टदलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कापै। रोग-दोष जाके निकट न झाॅकै।।

अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाये। लंका जारि सीय सुधि लाये।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सॅवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि सजीवन प्राण उबारे।।

पैठि पताल तोरि जम-कारे। अहिरावन की भुजा उखारें।।

बायें भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर नर मुनि आरती उतारे। जय जय जय हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरति करत अंजना माई।।

जो हनुमान जी की  आरती गावै। बसि बैकुंठ परमपद पावै।।

लंक विध्वंस कीये रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।


Hanuman Ji Ki Aarti image

    Hanuman Aarti In English

aaratee keejai hanumaan lala kee. dushtadalan raghunaath kala kee..

jaake bal se girivar kaapai. rog-dosh jaake nikat na jhaaaikai..

anjani putr maha baladaee. santan ke prabhu sada sahaee..

de beera raghunaath pathaaye. lanka jaari seey sudhi laaye..

lanka so kot samudr see khaee. jaat pavanasut baar na laee..

lanka jaari asur sanhaare. siyaaraam jee ke kaaj saivaare..

lakshman moorchhit pade sakaare. aani sajeevan praan ubaare..

paithi pataal tori jam-kaare. ahiraavan kee bhuja ukhaaren..

baayen bhuja asur dal maare. daahine bhuja santajan taare..

sur nar muni aaratee utaare. jay jay jay hanumaan uchaare..

kanchan thaar kapoor lau chhaee. aarati karat anjana maee..

jo hanumaan jee kee  aaratee gaavai. basi baikunth paramapad paavai..

lank vidhvans keeye raghuraee. tulaseedaas prabhu keerati gaee..


Shiv Ji Ki Aarti
Hanuman ji ki aarti
Mantra

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हनुमान जी के पॉच नाम

  • बजरंगबली 
  • महावीर जी
  • अंजनी लल्ला
  • पवनसुत
  • केसरी नंदन




Sankatmochan Hnuman Ashtak संकटमोचन हनुमाष्टक


बाल समय र​बि भछि लियो तब, तीनहुॅ लोक भयो अंधियारो।
​ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सो जात न टारो।
देवन आनि करी बिनती तब, छॉड़ि दियो ​तब कष्ट निवारो।
को ​नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।। को01
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महा मुनि साप दियो तब, चाहिय कौन बिचार बिचारो।
कै​ दिज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो।। को02
अंगद के संग लेन गये सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाए इहॉ पगु धारो।।
हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय, सिया—सुधि प्राण उबारो।। को03
रावन त्रास दई सिय को सब, राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय अशोक सों आगि सु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।। को04
बाण लग्यो उर लक्षिमन के तब, प्राण तजे सुत रावण मारो।
लै गृ​​ह ​बैघ सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो।
आनि सजीवन हाथ दई तब, लक्षिमन के तुम प्राण उबारो।। को05
रावन युघ अजान कियो तब, नाग कि फॉस सबै सिर डारो।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बन्धन का​टि सुत्रास निवारो।। को06
बंघु समेत जबै ​अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिहिं पूजि भली विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो।
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत सॅहारो।। को07
काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसों नीहिं जात है टारो।
बेगि हरौ हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो।। को08

दोहा: लाल देह लाली लसे,अरू धरि लाल लंगूर।
     बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर।

"बोल सिय वर रामचन्द्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय 
उमा पति ​महादेव की जय"


Hanuman ji ki kahani

एक गॉव में एक सोहन नामक लड़का रहता था। हनुमान जी का नित्य पूजा करता र​हता था। वह बहुत ही निर्धन था,लेकिन बहुत ही दयालु प्रवृति का था।

एक दिन एक गरीब महिला उसके रास्ते से रोते हुए जा रही थी। तभी सोहन की नजर उस गरीब बुढ़ी महिला पर पड़ी। उसने महिला से उसके रोने का कारण पूछा तब गरीब महिला ने बताया कि उसे पैसो की जरूरत है उसका बेटा बिमार है उसका इलाज करवाना है , यह सुनकर सोहन को दया आ गयी और उसने 1500 रूपया जो मेहनत से कमाया था। उसने तुरन्त उस बुढ़ी महिला को दे दिया।

और बोला माता इस पैसे से आप अपने बेटे का इलाज करवाइये। यह सुनकर उस महिला की आंखो में खुशी की लहर दौर आई और उसने सोहन को आशिर्वाद देते हुए चली गयी।

फिर जब सोहन अपनी झोपड़ी मे गया को देखा उसके पूजा के स्थान पर 1500 सोने के सिक्के थे। लोगों का मानना था कि वह औरत कोई और नही हनुमान जी ही थे जो सोहन का परीक्षा लेने स्वंय रूप बदलकर आये थे। उस पैसे को सोहन हनुमान जी का आशिर्वाद मान कर अच्छे से रहने लगा।

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