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गाजीपुर: आखिर क्यों मिले जिलाधिकारी महोदय से धनंजय तिवारी

 गाजीपुर: धनंजय कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी महोदय सुश्री आर्यका अखौरी जी  गाजीपुर से मिलकर समान नागरिक संहिता के ऊपर एक मसौदा तैयार करके दिय...

 गाजीपुर: धनंजय कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी महोदय सुश्री आर्यका अखौरी जी गाजीपुर से मिलकर समान नागरिक संहिता के ऊपर एक मसौदा तैयार करके दिया। जिसमें आने वाले समय में क्या कानून बनेगा उस पर विशेष तौर पर बताया गया है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से संपत्ति का विवाद लिव इन रिलेशनशिप पर जोड़ दिया गया है। 

इस मसौदे में लिखा गया है, कि में लिखा गया है कि लिव इन रिलेशनशिप पूरी तरह से अवैध होगा और इन सभी जोड़ों को हर हाल में शादी करना होगा। इसके अतिरिक्त गोद लिए हुए बच्चों को भी पिता के संपत्ति में भी अधिकार हो।

गाजीपुर: आखिर क्यों मिले जिलाधिकारी महोदय से धनंजय तिवारी purvanchalsamachar image


आपको बता दे की धनंजय कुमार तिवारी सीए (CA) और एक समाज सेवक भी हैं। और उन्होंने इस मसौदे को तैयार किया हैं। धनंजय जी द्वारा समय—समय पर अनेको अच्छे समाजिक कार्यो में अपनी भूमिका का निर्वहन करते आ रहे है।


कुछ महत्वपूर्ण जानकारियॉ


यूनिर्फाम सिविल कोड जिसे हिन्दी में समान नागरिक संहिता कहा जाता है। और अगर शार्ट फॉर्म में कहें तो इसे यूसीसी भी कहते हैं। यूसीसी एक ऐसा प्रस्ताव है जिसके तहत देश के सभी नागरिको के पर्सनल लॉ को एक समान बनाना है, जो बिना किसी धार्मिक लिंग, जातीय भेदभाव के सब पर बराबर लागू होगा।पर्सनल लॉ क्या है? दरअसल अभी हिंदू मुस्लिम, ईसाई, पारसी जैसे अलग अलग धार्मिक समुदाय, विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के मामलों में अपने अपने पर्सनल लॉ का पालन करते हैं।

हालांकि भारत में आपराधिक कानून।एक समान हैं और सभी पर एक तरह से लागू होते हैं। पर्सनल ऑफ ब्रिटिश काल में धर्मों की प्रथाओं और धार्मिक ग्रंथों को ध्यान में रखकर अलग अलग समय पर बनाए गए थे। अगर हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ की बात करें तो यह भारत पर ब्रिटेन के कब्जे के समय से ही अस्तित्व में आ गए थे। हालांकि समय के साथ साथ इसमें तब्दीली होती गई। हिंदू कोड बिल क्या है? ब्रिटिश राज़ के समय साल 1864 में हिंदू लव बना था, लेकिन इसे महिलाओं के लिए काफी भेदभाव वाला माना जाता था।