TATA : टाटा ग्रुप जल्द ही Wistron बैंगलुरू बेस्ड आइफोन प्लान का टेक ओवर पूरा करने जा रहा है , जिसके बाद टाटा आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय क...
TATA: टाटा ग्रुप जल्द ही Wistron बैंगलुरू बेस्ड आइफोन प्लान का टेक ओवर पूरा करने जा रहा है, जिसके बाद टाटा आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी। आज हम आपको बताएंगे क्या है, इस डील के मायने? साथ ही बात होगी टाटा ''TATA'' की जिसने भारत को बहुत कुछ पहली बार दिया। तो चलिए शुरू करते हैं।
टाटा का 155 साल पुराना सफर
टाटा समूह की शुरुआत की, जमशेदजी एन टाटा 1868 में जमशेदजी इंग्लैंड से भारत लौटे। और ₹21,000 में एक दिवालिया तेल मिल खरीदी, जिसमें उन्होंने शुरू किया रूई और कपड़े का कारोबार एक बार जब वो ब्रिटेन गए तो उन्हें एक होटल में एंट्री नहीं मिली।
वजह दरवाजे पर लिखा था वो वाइट्स इसके बाद उन्होंने भारत आकर 1903 में ₹4,21,00,000 की लागत से देश का पहला सुपर लग्जरी होटेल ताज बनाया। जमशेदजी टाटा के बाद आए दूसरे चेरमैन सर दोराबजी टाटा। इन्होंने देश को पहली स्टील कंपनी टाटा स्टील दी। सिर्फ इतना ही नहीं 1911 में भारत को पहला रिसर्च इन्स्टिट्यूट इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइन्स भी दिया।
खास बात यह है कि दोराबजी ही वो शख्स थे, जिन्होंने अपने पिता जमशेद जी के नाम पर जमशेदपुर शहर बसाया था। टाटा समूह ने देश को सिर्फ कंपनी और इन्स्टिट्यूट ही नहीं दिए। बल्कि हवा में खुद की उड़ान भी दी।
हम बात कर रहे हैं टाटा के चौथे चेयरमैन जेआरडी टाटा द्वारा शुरू की गई पहली एविएशन कंपनी एयर इंडिया की। अब बारी आती है टाटा के उस चेरमैन की जिसने मज़दूरों की तरह काम किया। जानिये रतन नवल टाटा को रतन टाटा ने 1962 में अपने कैरियर शुरुआत किया।
वह जमशेदपुर से मज़दूरों की तरह टाटा स्टील डिविजन में काम करते थे। इन्होंने कई अधिग्रहण किए लेकिन भारत के दिल में बसे आम लोगों तक सस्ती गाड़ियां पहुंचाकर और मार्केट में आई नैनो और अब टाटा विस्ट्रोन आइफोन प्लांट को टेकओवर करने जा रहा है।
यह डील अगस्त 2023 तक पूरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो टाटा ग्रुप को पहली डोमेस्टिक यानी स्वदेशी प्रोडक्शन लाइन मिल जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विस्ट्रोन की फैक्टरी की वैल्यू 600 मिलियन डॉलर यानी 4900 ₹46,00,00,000 है।
यहाँ 10,000 से ज्यादा वर्कर्स काम करते हैं। इसके अलावा ने ऐप्पल Apple से एक वादा भी किया था। वादा मार्च 2024 तक 1.8 बिलियन डॉलर की वैल्यू के आइफोन भेजने का, जिसे अब पूरा करने में टाटा ग्रुप उसकी मदद करेगा।
वह एकमात्र कंपनी है। जिसका भारत में ऐप्पल Apple प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन का प्लांट है। टाटा के आने से यह मार्केट से बाहर हो जाएगी। इस डील की एक और खास बात है। एप्पल चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट करना चाहता है। ऐसे में वो भारत पर नजर बनाए हुए है। मतलब आने वाले समय में इस टेकओवर से भारत के लिए कई दरवाजे खुल सकते हैं।