राजस्थान: डिजिटल मीडिया के लिए एक खुशखबरी है। अगर वह राजस्थान में है, और वहाँ पर अपना न्यूज चैनल चलाते हैं। और समाचार देने का काम करते हैं,...
राजस्थान: डिजिटल मीडिया के लिए एक खुशखबरी है। अगर वह राजस्थान में है, और वहाँ पर अपना न्यूज चैनल चलाते हैं। और समाचार देने का काम करते हैं, तो उनके लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। कि राजस्थान सरकार ने धीरे धीरे कर के उन्हें मान्यता देना शुरू कर दिया है।
पहले उन्होंने विज्ञापन के लिए एक पॉलिसी बनाई जिसके अंदर ए, बी, सी, डी करके कैटेगरी बनाई थी और उसके अंदर डिजिटल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया तीनों को ही समाहित किया था।
विज्ञापन देने के लिए अब उन्होंने इसी के साथ अपनी 1996 की नीती को अमेन्ड करते हुए नई गाइडलाइन्स जारी की है। जिसके अंदर अब डिजिटल मीडिया के लोग भी मीडिया Media Accreditation के लिए आवेदन कर सकते हैं। Accreditation मतलब अधिमान्यता यानी के दो तरह के पत्रकार होते हैं।
एक होते हैं, सरकारी मान्यता प्राप्त और एक होते है प्राइवेट पत्रकार, तो अब राजस्थान में अगर आप भी डिजिटल प्लैटफॉर्म चला रहे हैं। तो आप भी सरकारी अधिमान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कुछ निश्चित उम्र का क्राइटेरिया भी था। अभी उन्होंने आवेदन की आयु सीमा घटाकर 25 वर्ष कर दी है। यानी की अगर आप 25 साल के पत्रकार हैं। तो आप भी अक्रेडिटेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अभी बहुत सारी गाइडलाइन्स आना बाकी है। उन्होंने पूरी तरह से एक क्लियर नहीं किया है कि और क्या क्या शर्तें होंगी, जैसे की आपके पास अनुभव होना चाहिए। अगर आप फ्रीलान्स के तौर पर कर रहे हैं। या डिजिटल मीडिया के तौर पर कर रहे हैं तो कम से कम सात से आठ वर्षों का अनुभव अनिवार्य है।
और अगर आप किसी रेग्युलर संस्थान के पत्रकार हैं, तो आपके पास एडिटर का रिकमेन्डेशन लेटर होना चाहिए। और उसके साथ-साथ आपके पास सैलरी स्लिप होनी चाहिए और इन सात आठ सालों का पूरा न्यूज रेकोर्ड होना चाहिए। जिसमें कि आपकी बाईलाइन खबरें छपती रही हो, तो इस तरह जो नई नीती है, उसमें अभी यह क्लियर नहीं है। कि डिजिटल मीडिया से वह क्या क्या डॉक्यूमेंट्स मांगेंगे। अभी धीरे धीरे यह क्लियर हो जायेगा। जैसे ही हमारे पास वह पूरी गाइडलाइन्स आ जाएँगी, हम आपसे जरूर शेयर करेंगे।
मगर फिर जो परंपरागत मीडिया है। वह आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में काफी पीछे रह जा रहा है। जो अखबार चलाते हैं, उनके सामने हमेशा समस्या रहती है। पैसे की तो उनको भी डिजिटल प्लैटफॉर्म पर आना चाहिए। वह अपने अखबार को अपने डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिये बहुत आगे बढ़ा सकते हैं, पूरे देश तक पहुंचा सकते हैं।
अखबारों की वैल्यू ना कभी कम हुई थी, ना कभी कम होगी। जब भी कभी उदाहरण दिया जाता है, तो यही कहा जाता है। यह बात अखबार में छपी है, झूठ हो नहीं सकती और कोर्ट में भी जब कभी किसी खबर का, बेदखली का या किसी भी चीज़ का नोटिस जारी होता है। तो वह अखबार में ही छपता है। तो अखबार की वैल्यू कम नहीं हो सकती। लेकिन जिस तरह से अखबार अपनी उपयोगिता को खुद कम कर रहे हैं। उस पर एक बार चिंतन करें, नई तकनीक के साथ सामने बैठाए और आगे बढ़े।