नमस्कार मित्रों आप सभी का पूर्वांचल समाचार ब्लाग पर स्वागत है। आज हम रक्षाबंधन पर्व एंव उसके मूर्हूत के बारे में जानेंगे और साथ ही भद्रा का...
नमस्कार मित्रों आप सभी का पूर्वांचल समाचार ब्लाग पर स्वागत है। आज हम रक्षाबंधन पर्व एंव उसके मूर्हूत के बारे में जानेंगे और साथ ही भद्रा काल एंव भद्रा कौन इसके बारे में जानेंगे।
रक्षा बंधन Raksha Bandhan का त्योहार श्रावन मास के पूर्णिमा तिथी को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन दो दिन मनाया जा रहा है, क्योकि बुधवार को सुबह से पूर्णिमा शुरू हो जायेगा। इसी के साथ साथ भद्रा काल भी शुरू हो जायेगा, तो इस कारण वश भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य निषेध होता है।
![]() |
Raksha Bandhan 2023 Date |
रक्षाबंधन का मूहूर्त क्या है
बुधवार 30 अगस्त को 10:00 पूर्णिमा आरम्भ हो रहा इसके साथ ही साथ भद्रा काल भी शुरू हो जायेगा।
रात्रि में 9:02 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जायेगा। इस उपरान्त आप राखी बांध सकते है।
31 अगस्त को पूर्णिमा 7:07 मिनट तक रहेगा।
जानिये भद्रा कौन है
शास्त्रोंनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव एंव माता छाया जी की पूत्री हैं। एंव शनि देव महराज की बहन है।
रक्षाबंधन पर्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
पर्वों का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह हमारे संस्कृति और आदर्शों को प्रकट करने का माध्यम होते हैं। रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है, जो मानवता के सामाजिक मूल्यों को प्रकट करता है।
- रक्षाबंधन को 'रक्षा' और 'बंधन' के अर्थ में विभाजित किया जा सकता है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह पर्व भाई-बहन के प्यार और संरक्षण की विशेषता को दर्शाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे उनके बीच एक विशेष बंधन का निर्माण होता है। इस राखी का महत्व इस बंधन की मजबूती और दोनों की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है।
- रक्षाबंधन का यह पर्व भाई-बहन के अद्भुत रिश्ते को स्वीकार करने और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक मात्र पर्व नहीं है, बल्कि यह एक संबंध की गहराईयों में उत्तरदायित्व को भी प्रकट करता है। भाई अपनी बहन के प्रति संरक्षण और देखभाल की भावना को महत्वपूर्ण मानता है और बहन अपने भाई की खुशियों और सफलता में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध रहती है।
- इस पर्व के माध्यम से हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि रिश्तों की मजबूती और समर्पण की आवश्यकता हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है। यह सिख देता है कि परिस्थितियों के बावजूद हमें अपने परिवार के सदस्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए और उनके साथ सहयोग करना चाहिए।
समापन के रूप में, रक्षाबंधन पर्व हमें भाई-बहन के प्यार की महत्वपूर्ण दस्तान सुनाता है, जो समाज में साझा करने और मानवता के मूल सिद्धांतों को जीवन में लाने की महत्वपूर्ण शिक्षा देता है।