प्रिय पाठकों आज हम अनंत चतुर्दशी के बारे में विस्तार से जानेंगे। अनंत चतुर्दशी अनंत चतुर्दशी कब है इस बार अनंत चतुर्दशी दिनांक 28 दिन गु...
प्रिय पाठकों आज हम अनंत चतुर्दशी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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अनंत चतुर्दशी |
अनंत चतुर्दशी कब है
इस बार अनंत चतुर्दशी दिनांक 28 दिन गुरूवार को मनाया जायेगा।
भारतीय संस्कृति में अनंत चतुर्दशी को अमरता और धर्म का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि अनंत चतुर्दशी, अनंत पद्मनाभ व्रत, विष्णु पर्व, और आपने इसे जन्मोत्सव के रूप में भी जान सकते हैं।
यह पर्व भागवत पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार पर आधारित है। भगवान विष्णु के स्वरूप को एक पद्म में स्थित और अनंत (अनंत शेष) नामक सर्प पर आराध्य किया जाता है।
इस दिन, लोग अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। विष्णु सहस्त्रनाम और भगवद गीता के पाठ का महत्वपूर्ण हिस्सा भी होता है।
इस दिन के व्रत का महत्व यह है। यह पर्व दिन भादौ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।
इस दिन गणेश भगवान का विसर्जन बड़े ही धूम—धाम से किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी का महत्व
1. परंपरा का महत्व: अनंत चतुर्दशी एक परंपरागत पर्व है जो हमारी संस्कृति और परंपरा के महत्व को दिखाता है। यह हमें हमारे धर्मिक और सांस्कृतिक विरासत का सजीव रूप से महसूस कराता है।
2. एकता और सद्भाव: अनंत चतुर्दशी के मौके पर, बहनें अपने भाइयों के साथ अपनी आदर्श रिश्ता को दिखाती हैं, जो एकता और सद्भाव की मिसाल प्रस्तुत करता है।
3. धार्मिकता: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाता है, जो धार्मिकता को बढ़ावा देता है और आत्मा के उन्नति की कामना करता है।
4. अमरता का प्रतीक: अनंत चतुर्दशी पर्व का नाम अमरता से जुड़ा है, जो अमरता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने का संकेत है। यह हमें आत्मा की अमरता की ओर प्रवृत्त करता है, जिससे हम जीवन के सभी पहलुओं में सफल हो सकते हैं।
इस तरह, अनंत चतुर्दशी हमारे जीवन में धार्मिकता, परंपरा, और सद्गुणों को महत्वपूर्ण बनाता है और हमें अमरता और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करता है।