अंधेरी के राजा गणेश पंडाल मुंबई, महाराष्ट्र का एक शहर है जो अपने आरम्भ में विविधता, समृद्धि और खुशियों का प्रतीक है। यहाँ, हर वर्ष गणेश चतु...
अंधेरी के राजा गणेश पंडाल
मुंबई, महाराष्ट्र का एक शहर है जो अपने आरम्भ में विविधता, समृद्धि और खुशियों का प्रतीक है। यहाँ, हर वर्ष गणेश चतुर्थी का उत्सव विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, और इसका एक अद्वितीय हिस्सा मुंबई के गणेश पंडाल हैं।
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अंधेरी के राजा गणेश पंडाल |
मुंबई में गणेश उत्सव पर अंधेरी के राजा गणेश पंडाल में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। दूर दूर से भक्त बप्पा के दर्शन करने के लिए पहुँच रहे हैं। अंधेरी के राजा की एक और खास बात यह भी है। की यहाँ की गणपति का विसर्जन बाकी गणपति की तरह अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 11 वें दिन नहीं किया जाता बल्कि इनका विसर्जन 2 दिन बाद संकष्टी के दिन किया जाता है। यहाँ एक बड़ी शोभायात्रा बप्पा के साथ निकलती है। और तब जाकर बप्पा को विदाई दी जाती है।
मुंबई के गणेश पंडाल हर साल लाखों लोगों को एक साथ जोड़ने का मौका प्रदान करते हैं। यह पंडाल आम तौर पर विभिन्न रूपों में विशाल गणेश मूर्तियों के साथ बनाए जाते हैं, और यहाँ के स्थानीय लोग और पर्यटक इन पांडालों में दर्शन करने आते हैं।
गणेश चतुर्थी के दौरान, यह पंडाल गणेश उपासकों के लिए पूजन स्थल के रूप में बदल जाते हैं। यहाँ पर लाखों लोग गणपति की पूजा करते हैं और उनके साथ आरती गाते हैं। इसके अलावा, सामाजिक समरसता की भावना को मजबूत करने के लिए अनेक सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
मुंबई के गणेश पंडाल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन्हें साहित्य, कला, और सांस्कृतिक अद्भुतता का प्रतीक भी माना जा सकता है। यहाँ के कलाकार और स्थानीय गणेश पंडाल संगठन अपने मूर्तियों को विशेषतः आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की शिल्पकला का उपयोग करते हैं, जिससे उनके पंडाल ने एक सुंदर सांस्कृतिक महोत्सव का रूप धारण किया है।