नमस्कार प्रिय पाठकों आज हम Bhartiya Nyaay Sanhita Section 96 (भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 96 )के बारे में जानेंगे। महिलाओं और बच्चों के खिला...
नमस्कार प्रिय पाठकों आज हम Bhartiya Nyaay Sanhita Section 96 (भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 96 )के बारे में जानेंगे।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ क्राइम और मर्डर जैसे अपराधों के लिए पहले इंडियन पैनल कोड में सेक्शन यहाँ वहाँ बिखरे हुए थे, लेकिन भारतीय न्याय संहिता 2023 में इन सभी सेक्शन्स को एक साथ चैपटर फाइव में लाया गया है।
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Bhartiya Nyaay Sanhita Section 96 |
आज हम बात करेंगे भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 96 की यह धारा भी रिलेटेड है। बच्चों के सेक्शुअलएक्स्प्लॉइटेशन से पर यह धारा सेक्शन 95 से थोड़ी सी डिफरेंट है।
आइये इस की डेफिनेशन की बात करते हैंं। इसके अकॉर्डिंग जब भी कोई व्यक्ति यह जानते हुए कि बच्चा 18 साल से कम उम्र का है, उस बच्चे को सेक्शुअल ऐक्टिविटी में उसकी मर्जी से या फिर उसकी मर्जी के बिना यहाँ पर इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। की इसमें उस बच्चे की मर्जी भी थी।
क्योंकि वो बच्चा 18 साल से कम उम्र का है। इसलिए इसमें उस बच्चे की मर्जी से कोई भी मतलब नहीं माना जाएगा। जब उस बच्चे को अलग अलग जगहों पर अलग अलग व्यक्तियों के साथ अवैध संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है।
और ऐसा काम करने के लिए उस बच्चे को बहलाया फुसलाया जाता है। या फिर किसी तरह से मजबूर किया जाता है। और इस सेक्शन में यह भी जरूरी नहीं है, कि वह बच्चा लड़का है। या फिर लड़की है, वह दोनों में से कोई भी हो सकता है। तो यह एक गंभीर तरह का अपराध माना जाएगा।
सजा की बात करें तो यह एक कॉग्निजेबल और गैर-जमानती अपराध है, साथ ही साथ नॉन कंपाउंडेबल अपराध है। इसी सेशन कोर्ट के द्वारा सुना जाता है। इसमें 10 साल की सजा और फाइन या फिर दोनों लगाए जा सकते हैं।