नमस्कार प्रिय पाठकों आज हम लोग झूठे धारा 376 के अरोप में बचाव के उपाय के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करेंगे। बलात्कार एक गंभीर अपराध है...
नमस्कार प्रिय पाठकों आज हम लोग झूठे धारा 376 के अरोप में बचाव के उपाय के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करेंगे।
बलात्कार एक गंभीर अपराध है, लेकिन इस समय उसका दुरुपयोग भी बहुत तेजी से किया जा रहा है। लोग अपने छोटे मोटे झगड़े को लेकर बदले की भावना से लोगों के ऊपर तुरंत 376 का मुकदमा लिखा देते है।
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झूठे धारा 376 के आरोप में बचाव के उपाय |
पहला पहलू, अपने घर की महिलाओं को बच्चियों को आगे करते हैं, अधिकारी किया और बच्चियां आगे होती है। और फिर लोग अपने प्रतिद्वंदी पर 376 का मुकदमा लिखा देते।
दूसरा पहलू यह है, की अब प्रेमी प्रेमिकाओं के संबंध में भी 376 का बहुत ज्यादा मुकदमा लिखा जा रहा है। क्योंकि जब तक ये दोनों लोग साथ रहते हैं, प्रेमी प्रेमिका तब तक बाबूसोना करते हैं।
इसके बाद में जब इनका ब्रेकअप होता है, एक दूसरे से अलग होते हैं। तो घरवालों के कहने पर या लड़कियां ही प्रतिशोध में आ करके लड़कों के ऊपर तुरंत 376 का मुकदमा लिखा देती है। और मुकदमा लिख भी जाता है क्योंकि जब यह प्रेमी प्रेमिका थे। तो इनके साथ संबंध बना भी होता है।
धारा 376 का केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। और अभी आगे बढ़ने की संभावना भी है। तो दोस्तों, इस लेख के माध्यम से यह समझते हैं। कि अगर झूठा 376 का मुकदमा आपके ऊपर भी लिखा दिया जाए तो आप अपना बचाव कैसे कर सकते हैं? आप आखिर झूठे 376 के आरोप से बचेंगे कैसे?
झूठे धारा 376 के अरोप में बचाव के 3 उपाय
अगर आपके विरुद्ध भी 376 का फर्जी मुकदमा लिखा जा रहा है। तो आपको तीन पॉइंट्स को जरूर ध्यान में रखना है। अगर इन तीन पॉइंट्स पर आप फोकस करेंगे तो वह मुकदमा कुछ नहीं कर पायेगा। आप बाइज्जत बरी होने वाले हैं।
ज्यादातर लोग इन्हीं तीन पॉइंट्स का ध्यान नहीं रखते हैं। मामले की पैरवी करते समय फिर होता क्या है, कि झूठा मुकदमा रहता है, फिर भी उन्हें सजा हो जाती है। उन्हें बहुत ज्यादा झेलना पड़ जाता है। तो दोस्तों आइए उन पॉइंट्स के बारे में जानते हैं। तुरंत किसी अच्छे वकील से संपर्क करे,सबूत जुटाये, और पुलिस जांच में सहयोग करें।
पहला पॉइंट- विवेचना स्पष्ट करानी है।
आपको अब यह कैसे करानी है। समझिये। आप इस बात को जब आपके ऊपर 376 का एफआईआर लिखा जाएगा तो स्वाभाविक बात है, कि आप की गिरफ्तारी होगी जो कि 10 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है।
उसमें आप की गिरफ्तारी होगी, लेकिन अगर आप की गिरफ्तारी हो गयी है तो ठीक है। एक प्रयास कर लीजिये हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे लाने का अगर हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे आपको मिल जाता है। तो आपको विवेचना के समय में आपको समय मिल जाएगा।
अपने मामले की स्वयं पैरवी करने के लिए अब अगर वहाँ से अरेस्ट स्टे आपको नहीं मिलता है, आप की गिरफ्तारी होती हैं। तो आपके परिवार वाले पैरवी भी कर रहे हैं। तो यह ध्यान रखें कि विवेचना उनको स्पष्ट करवानी है।
विवेचक से उनको मिलना है। विवेचना पूरी तरह से स्पष्ट करानी है। सारे साथ जो आपके पास साक्ष्य है। जो भी आपके बेगुनाही के साथ साक्ष्य को विवेचना में संकलित करवाना है, उनसे मिलकर उनके साथ लगकर बिल्कुल स्पष्ट विवेचना करवानी है।
हर विवेचक जो होता है। वहाँ यह चाहता है, कि मैं एक दम क्लियर विवेचना करूँ क्योंकि उसे कल जाकर कोर्ट में खड़ा होना है। उसे वकील के जीरा का सामना करना है। तो वह भी चाहता है, कि कोई भी पॉइंट्स मेरा कमजोर ना रहे। मेरी विवेचना बिल्कुल स्पष्ट चली जाए।
आप उसमें अगर सहयोग करेंगे। तो विवेचना बिलकुल 100% स्पष्ट होगी। तो अगर विवेचना स्पष्ट होगी आपका मुकदमा वहीं खत्म हो जायेगा क्योंकि आपने कुछ किया है, नहीं अभी बेचना अगर स्पष्ट होगी तो उसमें फाल लग जायेगा। और आपका मामला वहीं खत्म हो जाएगा। आपके ऊपर ना फिर से ट्रायल चलेगा ना कोई दिक्कत आएगी। आपका मामला वहीं समाप्त हो जाएगा।
दूसरा पॉइंट
अपने गवाहों को विवेचना में सम्मिलित करवाना। अब यह स्थिति कब पैदा होगी? आप यह समझिये जैसे मान लें की विवेचक के साथ आप लगे हैं। सर इस इस साक्ष्य को संकलित किजिए। हमने अपराध नहीं किया है।
लेकिन विवेचक क्या है? क्योंकि एफआईआर लिख दिया है। या फाइल लगाने में उसे बहुत ज्यादा सफाई देनी पड़ती है। या कुछ मामलों में मिली—भगत भी हो जाती है।
अगर वादी पक्ष आपके ऊपर फर्जी मुकदमा लिखा सकता है। तो वह विवेचक से भी मिल सकता है। यदि विवेचक उधर से मिल गया है। आप की चार्जशीट लगाने जा रहा है। तो इस स्थिति में आपको यह करना है। आपको भी विवेचक से मिलना है। और सारी बातें उससे करें।
एक व्यक्ति जो उधर से मिल सकता है। वह आप से भी मिल सकता है। अब अगर स्पष्ट ही है। तो अगर आपने रेप किया ही नहीं है। अगर वह ईमानदारी पर आएगा तो इमानदारी से तो आपके साथ है, ही है। अगर ईमानदारी से नहीं है। तो अगर वह उधर से मिल सकता है, तो आपके तरफ से भी मिल सकता है।
आप उनसे स्पष्ट कह दीजिए की आप चार्जशीट लगाइए। आरोप सिद्ध कीजिये, कोई हमें दिक्कत नहीं है, लेकिन मेरे गवाहों को इस चार्जशीट में सम्मिलित करवाईये।
अब वह कैसे सम्मिलित होगा? इसमें आपको करना यह है, कि गवाह, जो आपके हितैषी हैं। उनको तैयार करना है। और उनको इस तरह से तैयार करना है की लड़की वाले पक्ष को लगे की यह मेरे तरफ से ही गवाही देंगे।
यह मेरे तरफ से ही हमेशा रहेंगे। उनको उसी तरफ मिला रहने देना है। आपको इसके बाद में उन्हें जब गवाह में सम्मिलित आप करा देंगे। और जब कोर्ट में ट्रायल चलेगा तो आपके हितैषी हैं तो आपके तरफ आ जाएंगे।
अपनी गवाही से जब वो मुकरेंगे सत्य बात जाकर कोर्ट में कहेंगे। तो वहाँ आपको कोर्ट से बरी किया जा सकता है।
तीसरा पाइंट
यह तरीका डीएनए टेस्ट का है। आपको डीएनए टेस्ट का प्रयास करवाये।
अब डीएनए टेस्ट में एक समस्या आपके पास आएगी। क्योंकि जो बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के मामले में रेप का मामला लिखा जाता है, इनमें रेप बहुत पहले हो चुका होता है, ऐसा दिखाया जाता है। एफआईआर में तो उसमें डीएनए टेस्ट संभव नहीं हो पाता है, लेकिन अगर तुरंत की घटना दिखाई जा रही है।
तो आप डीएनए टेस्ट का प्रयास कीजिये। अगर गर्भ रह गया है। लड़की के तब भी हो सकता है। डीएनए टेस्ट तो एकदम 100% प्रूफ हो जाएगा या तुरंत घटना है। तो डीएनए टेस्ट का प्रयास कीजिये।
डीएनए टेस्ट का प्रयास के लिए आपको काफी प्रयास करना पड़ेगा। यहाँ से नहीं होगा तो हाइकोर्ट से आपको परमिशन लेनी पड़ेगी। अगर डीएनए टेस्ट हो जाता है। और सारी परस्थितियां ठीक रहती है। तब तो आपको बिलकुल क्लिअर बरी कर दिया जाएगा।
उसमें कोई दिक्कत आने ही वाले नहीं हैं। आपको इन तीन पॉइंट्स को ध्यान रखना है। डीएनए लगभग हर केस में संभव नहीं हो सकता है। तो अगर हर केस में डीएनए संभव नहीं है। तो यह दो चीज़े संभव है। आपको अगर यह दो चीजें आप ध्यान में रखेंगे।
तो आप फर्जी 376 के आरोप से बच पाएंगे तो दोस्तों झूठे धारा 376 के आरोप से बचाव के यह तीन उपाय थे। यह अगर आप फॉलो करेंगे आपको विवेचना स्पष्ट करानी है। विवेचना में अपने गवाहों को सम्मिलित करना है। डीएनए टेस्ट के लिए जाना है। अगर इन सभी प्रयासो को आप करते हैं। तो आप कोर्ट से बरी हो सकते हैं।