UP Madarsa Board: उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के बाद, अब सभी मदरसों की मान्यता समाप्त हो गई है। अब मदरसों को यूपी ब...
UP Madarsa Board: उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के बाद, अब सभी मदरसों की मान्यता समाप्त हो गई है। अब मदरसों को यूपी बोर्ड, सीबीएसई, या आइसीएसई से मान्यता लेनी होगी, और वे प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालयों की तर्ज पर संचालित हो सकेंगे। जो मदरसे मानक पूरा नहीं करते हैं, उन्हें किसी भी बोर्ड से मान्यता नहीं मिलेगी और उनका संचालन बंद हो जाएगा। ऐसे बच्चों का दाखिला सरकारी बेसिक या माध्यमिक विद्यालयों में कराया जाएगा।
इसके लिए, प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति ऐसे बच्चों को निजी विद्यालयों में भी प्रवेश दिलाने के लिए निर्देश जारी कर सकती है। इसके बाद भी यदि छात्र-छात्राएं दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं तो स्थानीय स्तर पर सीटों की संख्या बढ़ाने व नए विद्यालयों की स्थापना के संबंध में समिति कार्य करेगी।
यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें कुल 13.57 लाख छात्र हैं। कुल मदरसों में 560 अनुदानित मदरसे हैं, जहां 9,500 शिक्षक कार्यरत हैं। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस मामले में कहा है कि मदरसा अजीजिया इजाजुतूल उलूम के मैनेजर अंजुम कादरी ने हाई कोर्ट के फैसले का केस किया है, और वहां सरकार अपना पक्ष रखेगी।