आज हम लोग हनुमान चलीसा Hanuman Chalisa Pdf और हनुमान जी की पूजा के विधि के बारे में बताएंगे। वैदिक और शास्त्राक्त पूजन विधि Hanuman Chal...
आज हम लोग हनुमान चलीसा Hanuman Chalisa Pdf और हनुमान जी की पूजा के विधि के बारे में बताएंगे।
वैदिक और शास्त्राक्त पूजन विधि
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Hanuman Chalisa Pdf |
सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर प्रात: काल स्नान करते उसके बाद लाल वस्त्र धारण करें। कुशा या उन के आसन पर बैठकर हनुमान जी महराज जी की मूर्ति अथवा चित्र के सामने हनुमान चलीसा लेकर बैठ जाये, साथ ही ताम्र पत्र पर हनुमान जी का यंत्र रख ले यदि यंत्र नही है तो कोई बात नही फिर हनुमान जी के चित्र पर सिन्दूर,चावल,लाल,फूल,धूप,देशी धी का दीपक अगरबत्ती इत्यादि सामग्रियों को अर्पण कर उसके बाद बूंदी के लड्डू का भोग लगायें। सर्वप्रथम श्री गणेशायै नम: बोले, और उसके बाद हाथो में पुष्प लेकर
निम्न श्लोक पढ़े।
अतुलित बलधामं हेम शैलाभदेहं,
दनुज—वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रणयम।
सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं,
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
इसके बाद तीन बार प्रणयाम करें। हनुमान जी का ध्यान करते हुए ओम श्री हनुमते नम: का जप करे। और फिर हनुमान चलीसा का पाठ करें। हनुमान जी महराज को प्रसन्न करना है तो भगवान श्री राम जी की नामो का जप अवश्य करे कम से कम 5 अथवा 11 सीताराम नाम का जप करना चाहिए। और आखिरी में हनुमान जी का आरती करना न भूले।
Hanuman Chalisa PDF
श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa
श्री गुरूचरन सरोज रज, निज मनु मुकुरू सुधारि।
बरनउॅ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुधि हीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुॅ लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि—पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कॉधे मूॅज जनेउ साजै।।
शंकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जगबंदन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर सॅहारे।
रामचन्द्रजी के काज सॅवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरिषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहॉ ते।
कबि कोबिद कहि सके कहॉ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लॉंधि गए अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हॉक तें कॉपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोइ लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिधि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम के पावै।
जन्म जन्म के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहॉ जन्म हरि—भ्क्त कहाई।।
और देवता चित न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाई।
कृपा करहु गुरू देव की नाई।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा।
होय सिधि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ ह्दय महॅ डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मुरति रूप।
राम लखन सीता सहित, ह्दय बसहु सुर भूप।।
''बोल सियावर रामचन्द्र की जय''
पवनसुत हनुमान की जय
उमापति महादेव की जय
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Hanuman Cahlisa in English |
Hanuman Chalisa In English
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aur devata chit na dhuree.
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jo yah padhata hai hanumaansha chala jaata hai.
hoy seedhee saakhee gaureesa..
tulaseedaas sada hari chera.
keejai naath hrday mahai dera..
''Pavanatany sankat haran, mangal moorti roop''
''Raam lakhan seeta samet hady basu sur bhoop''.
HANUMAN CHALISA FAQ
हनुमान चलीसा से क्या लाभ होता है ?
हनुमान चलीसा के नित्य नियम पूर्वक पाठ करने से सभी प्रकार के मनोकामनाए पूर्ण होती है।और इसके साथ ही सभी प्रकार के रोगो, दुखों, कष्टो,ग्रह एंव सभी प्रकार बूरी शक्तियों छुटकारा मिलती है। एंव हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है।
हनुमान जी के तीन नाम कौन कौन से है ?
हनुमान जी के तीन नाम निम्न है।
- बजरंगबली
- महावीर जी
- मारूति
यह तीन नाम बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली है प्रतिदिन इन नामों का जप करना चाहिए।
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