मनुष्य के भौतिक, बौद्धिक, नैतिक, भावनात्मक एवं मनोवैग्यानिक विकास के लिए सौंदर्य से ओतप्रोत परिवेश जरूरी है और ऐसे परिवेश का सृजन और पोषण क...
मनुष्य के भौतिक, बौद्धिक, नैतिक, भावनात्मक एवं मनोवैग्यानिक विकास के लिए सौंदर्य से ओतप्रोत परिवेश जरूरी है और ऐसे परिवेश का सृजन और पोषण करती है। एक सौंदर्य, संस्कृति, सौंदर्य के बिना हम अपने संपूर्ण विकास से वंचित रह जाते हैं।
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मिस वर्ल्ड 2023 प्रतियोगिता में नंदिनी गुप्ता |
सौंदर्य जीवन के सामंजस्य की अभिव्यक्ति है। शायद यही कारण है कि सौंदर्य एवं बुद्धिमता के संयोजन के आकलन के लिए मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है।
आज अचानक सौंदर्य एवं बुद्धिमता की बातें इसलिए कि बीते 8 जून को मिस वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ने घोषणा की है, कि मिस वर्ल्ड की अगली प्रतियोगिता भारत में आयोजित की जाएगी।
ओर्गेनाइजेशन ने कहा कि यह निर्णय देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व्यवस्था को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता और महिलाओं को सशक्त बनाने के जुनून को और बल देगा।
1951 में शुरू की गई मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता अपनी तरह की दुनिया की सबसे पुरानी प्रतियोगिता में से एक है। दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनियाभर के देश शांति एवं पुननिर्माण के उपायों पर काम करना चाहते थे।
इसी क्रम में ब्रिटिश सरकार द्वारा फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन नाम से एक आयोजन करने का फैसला लिया गया। कार्यक्रम के आयोजक इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहते थे।ताकि फेस्टिवल में अपार जनसमूह जुड़ पाए।
इसके लिए आयोजकों ने लंदन की एक एंटरटेनमेंट कंपनी है, जिसका नाम था मक्का लिमिटेड। उससे संपर्क किया। इस कंपनी ने आयोजकों को सलाह दी कि फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन में एक अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता रखी जाए।
इस प्रतियोगिता में महिलाएं बिकनी पहनेंगी। और उनके सौंदर्य एवं बौद्धिक क्षमता का विशेषज्ञों द्वारा आकलन किया जाएगा। हालांकि फेस्टिवल में शामिल कुछ महिलाओं को यह आइडिया अच्छा नहीं लगा। और उन्होंने कहा कि अगर इस प्रतियोगिता में महिलाओं को बिकनी पहन कर दिखाया जाएगा। तो वह इसमें भाग नहीं लेंगी।
फिर तमाम उठापटक के बाद ये तय हुआ कि अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता को तो शामिल किया जाएगा लेकिन इसमें बिकिनी की जगह वन पीस बाथिंग सूट को अपनाया जाएगा।
उस समय ब्रिटिश प्रेस में इस प्रतियोगिता का नाम मिस वर्ल्ड के तौर पर पॉपुलर हुआ। जैसे जैसे प्रतियोगिता सफल होता गया, इसे वार्षिक तौर पर आयोजित किया जाने लगा। समय के साथ जब दुनिया में टेलीविज़न का विस्तार हुआ तो इस प्रतियोगिता की लोकप्रियता और भी बढ़ गयी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में मिस वर्ल्ड का पहला खिताब स्वीडन की की हॉक्सन को मिला था। अब लौटते हैं भारत पर। दरअसल, साल 1991 में जो भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का उपाय अपनाया गया तो तमाम विदेशी और प्राइवेट कंपनियां इसे एक अवसर के रूप में देखने लगी।
उसके बाद 1994 में ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड और सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता। इससे भारत में इस तरह की ब्यूटी कॉन्टेस्ट की लोकप्रियता और बढ़ गई। इसी क्रम में पहली बार साल 1996 में भारत में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
उस समय इसका आयोजन बेंगलुरु में हुआ था। तब भारत में इस कार्यक्रम के खिलाफ़ भारी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। तमाम नारीवादी संगठन इस प्रतियोगिता के आयोजन को महिलाओं का अपमान बताकर इसका विरोध कर रहे थे।
दक्षिणपंथी इस आयोजन का विरोध इस आधार पर कर रहे थे। तो ये भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी संस्कृति के अतिक्रमण जैसा है। वहीं दूसरी तरफ वामपंथी विचारधारा से प्रभावित संगठन भी इस कार्यक्रम के विरोध में थे।
उनका कहना था कि भारतीय महिलाओं और कामगारों के लिए इस तरह के आयोजनों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि ऐसे आयोजन वैश्वीकरण और फ्री मार्केट के परिणाम है।
यह विरोध इतना भयानक था कि एक व्यक्ति ने आत्मदाह तक कर लिया था। तमाम विरोध प्रदर्शन के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन भारत में हुआ। लेकिन इसके स्विमसूट वाले सेगमेंट का आयोजन सेशल्स द्वीप पर किया गया।
अब जब एक बार फिर से यह प्रतियोगिता भारत में आयोजित होने जा रही है, ऐसे में लोग इसे लेकर काफी उत्साहित हैं।
27 साल बाद एक बार फिर से भारत को 71 वें मिस वर्ल्ड 2023 की मेजबानी करने का मौका मिला है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक तारीख का खुलासा नहीं किया गया है।
अंदाजा है कि इसका आयोजन इस साल नवंबर या दिसंबर में हो सकता है। इस साल इसमें 130 से अधिक देश की सुंदरियां रैंप वॉक करते हुए मिस वर्ल्ड खिताब जीतने की होड़ में शामिल नजर आएँगे।
भारत की तरफ से मिस वर्ल्ड 2023 प्रतियोगिता में नंदिनी गुप्ता भाग लेंगी। राजस्थान के कोटा की रहने वाली नंदिनी गुप्ता 19 साल की है।
भारत ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता आज छह बार जीत हासिल किया है। पहली बार 1966 में जब रीता फारिया ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था, वहीं ऐश्वर्या राय बच्चन को 1994 में ताज पहनाया गया था। डायना हेडेन ने 1997 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था।
1999 में युक्ता मुखी ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। और वर्ष 2000 में मिस इंडिया वर्ल्ड का ताज प्रियंका चोपडा के सर सजा था। इसके बाद मानुषी छिल्लर छठी मिस इंडिया वर्ल्ड बनी थीं।
तमाम भारतीय विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इस तरह के आयोजन से पर्यटन भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मौजूदगी ,आर्थिक विकास और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने जैसे पहलुओं पर सकारात्मक असर पड़ेगा।