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अंजीर खाने से कौन कौन से फायदे होते हैं? : Anjeer Khane Ke Fayde

आज  हम आपके लिए एक और औषधीय गुणों से भरपूर फल के रूप में आपने निश्चित रूप से इसका सेवन किया होगा, और आप जानते भी हैं। आज हम   Anjeer Khane K...

आज  हम आपके लिए एक और औषधीय गुणों से भरपूर फल के रूप में आपने निश्चित रूप से इसका सेवन किया होगा, और आप जानते भी हैं।

आज हम  Anjeer Khane Ke Fayde अंजीर के फायदे के बारे में बताएंगे।

अंजीर खाने से कौन कौन से फायदे होते हैं? : Anjeer Khane Ke Fayde image
Anjeer Khane Ke Fayde


Anjeer Khane Ke Fayde

अंजीर सूखे मेवे के रूप में पूरे देश में प्रयोग किया जाता है। और लोग इसको भिगो कर के भी सेवन करते हैं, तो अंजीर औषधीय के रूप में एक मेंवे के रूप में तो हमारे देश में प्रयोग किया जाता है। 


विदेशों में भी पूरे विश्व के अंदर इसका प्रयोग होता है, परंतु इसके औषधीय गुणों के संदर्भ में हमारे पूर्वजों को ,हमारे ऋषियों को पता था यह प्राचीन काल की जो हमारे आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इसका वर्णन है।


​ताकत में के अंजीर का प्रयोग  एंव फायदे


 अंजीर विशेष रूप से शक्तिवर्धक है, पौष्टिक है। जो लोग बहुत कमजोर है, जो दुबले हैं, जिनको बहुत कमजोरी महसूस होती है। उन सब के लिए यहाँ अंजीर बहुत ही लाभकारी है। 

तो आपको तीन चार अंजीर को रात को भिगो देना है।  क्योंकि सुखा हुआ जो अंजीर है वो बाजार में मिल जाता है। 

लेकिन  ताजा अंजीर मिल जाए तो बहुत अच्छा हैं।  प्रातःकाल नाश्ते के अंदर अंकुरित अन्न हो या फल हो उसके साथ ही भी दो तीन अंजीर हो तो कहना ही क्या? तो यह आपकी पौष्टिकता को बढ़ाएगा।

बहुत जरूरी और बहुत ही लाभकारी चीज़ है। और यदि आपके पास ताजा अंजीर नहीं है, तो बाजार के अंदर सुखा हुआ। अंजीर का फल पंसारी के यहाँ से या आप राशन की दुकान से मिलते हैं। वहाँ से  सुखा हुआ अंजीर आपको उपलब्ध हो जाएगा।

तो तीन चार अंजीर को लेकर के रात को भिगो कर के यदि प्रातःकाल चबा चबा कर के उसको खाएं तो उससे आपकी जो कमजोरी है, चाहे वह किसी भी तरह की कोई भी कमजोरी है।

वह दूर हो जाएगी और जिनको बहुत ज्यादा शारीरिक क्षमता है, किसी तरह से स्नायविक दुर्बलता है या बहुत ही यौन दुर्बलता है। उसमें दोस्तों बहुत ही लाभदायक है। 


ऐसे लोग तीन चार अंजीर को रात को दूध में डाल करके इसको धीरे धीरे  दूध में अंजीर को पक्का करके भी खा सकते हैं। तो इससे जो किसी भी तरह के चाहे वह नर्वसनेस की प्रॉब्लम है। स्नायु दुर्बलता हैं, जिनको बीपी लो रहता हो। जिन लोगों की हार्ट की धड़कन बहुत ज्यादा बढ़ी हुई हो, जो बहुत घबराहट महसूस करते हो अथवा जिनको किसी भी तरह से वो शीतलता, थकान महसूस करते हों, उन सब के लिए यहाँ बहुत ही लाभदायक और बहुत ही गुणकारी और उपकारी प्रयोग है। 


यह अंजीर और अंजीर का प्रयोग पेट के लिए भी बहुत ही लाभकारी है।हालांकि यूनानी मैं इसको प्रथम दर्जे का फल माना गया है। और आयुर्वेद के अंदर इसके फल को शीतल माना गया है। 


हमने प्रयोग के आधार पर ऐसा हमें महसूस होता है। कि यदि आप इसको सूखा ही प्रयोग करते हैं, बिना पानी में भिगोएं, प्रयोग करते हैं तो थोड़ी सी गर्मी इसका जो प्रतीत होता है। और यदि आप इस को भिगोकर के प्रयोग करते हैं। चार 5 घंटे के बाद सुखा हुआ अंजीर भी खिल जाता है। और बहुत फ्रेश हो जाता है तो उस समय पर आप इसका प्रयोग करते हैं, तो वह शीतलता पैदा करता है। 


लिवर में अंजीर का प्रयोग एंव फायदे


लिवर के रोगियों के लिए जो पेशंट अनेमिक हैं, जिनको हीमोग्लोबिन कम है।उन लोगों के लिए भी यहाँ अंजीर बहुत ही गुणकारी है, बहुत लाभकारी है। आपका पाचन बहुत ही कमजोर हो गया है। 


खाया हुआ आप हजम नहीं कर पाते हैं। ऐसे कमजोर रोगियों को भी क्योंकि अंजीर मीठा होता है। इसीलिए मधुमेह के रोगियों को हालांकि नहीं देना चाहिए या कभी कभी कम मात्रा में ले सकते हैं ,क्योंकि दूसरे तरह के जो है या जो मीठे फल है उतना यह मीठा नहीं होता है, इसीलिए उतनी हानि तो नहीं करेगा परंतु फिर भी मधुमेह के रोगियों को मीठे फल, मीठी चीजें नहीं सेवन करनी चाहिए।

तो बाकी लिवर की परेशानी के लिए भी आप अंजीर का यदि आप सेवन करेंगे तो आप देखेंगे की आपका पेट भी साफ होने लगेगा।

जिनको इनडाइजेशन की प्रॉब्लम है, जिनको कॉन्स्टिपेशन है या इस तरह की जो भी है आपकी समस्या है उसके लिए बहुत ही लाभकारी है। बहुत ही गुणकारी है तो आपकी लिवर के लिए भी यहाँ अंजीर बहुत ही उपयुक्त है।


खांसी में अंजीर का प्रयोग एंव फायदे


अंजीर के इस फल के विषय में सामान्यतया यह जो फल है वहीं आयुर्वेद में प्रयोग होता है। और यदि इसका काढ़ा बनाकर के के सूखे अंजीर का काढ़ा बनाकर के पीते हैं। तो ये बहुत ही स्वादिष्ट और खांसी को समापन करने वाला तैयार हो जाता है। 


अंजीर एक अंजीर, थोड़ी सी मूलेठी और दो चार पत्तियाँ तुलसी की इसको डाल करके आप काढ़ा बनाकर के पीये, तो आप देखेंगे एक तो स्वादिष्ट भी है।  और दूसरी बात जो छोटे बच्चे है उनको भी आप इसका सेवन करा सकते है। 


तो चाहे वो छोटे बच्चे हो, चाहे बड़े हो, चाहे जवान हो, चाहे वृद्ध हो, सभी लोगों के लिए खांसी के लिए रोग की स्थिति आपकी आयु उस हिसाब से इसकी मात्रा का निर्धारण आप कर सकते हैं।


 तो यहाँ जो अंजीर है या बहुत ही लाभकारी है, बहुत ही गुणकारी है आपकी खांसी के रोगों के लिए और जिनको सवस्थ चढ़ता हो, जो स्वास रोग की औषधियों ले रहे हो वो लोग भी इस का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि स्वास रोग में बहुत सारे जो ड्राई फ्रूट्स है या दूसरी चीजें हैं। जो उपकारी नहीं होती है। लेकिन अंजीर का आप सेवन कर सकते है। 


 जिनका लिवर खराब हो, जिनका लिवर कमजोर हो, जिनका डाइजेशन सिस्टम बहुत खराब हो। उन लोगों को काजू,बादाम, पिस्ते यह वरीष्ठ होते हैं। यह भारी होते हैं। इससे परेशानी हो सकती है।


 पर वो सभी लोग अंजीर को बड़े निर्भयता पूर्ण ढंग से सेवन कर सकते हैं। तो यह एक दिव्य, गुणकारी और लाभकारी फल है। 


पैर दर्द और सूजन में अंजीर का प्रयोग एंव फायदे


किसी के पैरों में सूजन आ गई हो, दर्द हो उस स्थिति में भी ये अंजीर के यदि आप पत्तों कोथोड़ा गर्म कर करके यदि उस जगह पर बांधे तो उससे उसमें शांति मिलती है, बहुत ही लाभकारी है। 


पीरियड्स और मासिक धर्म में अंजीर का प्रयोग एंव फायदे


जिन माताओं बहनों को जैसे जो पीरियड्स की प्रॉब्लम होती हैं। या मासिक धर्म की अनियमितता होती है। तो  इस अंजीर के यदि कच्चे फल या उसकी जो जड़ है।


उसके अंदर जैसे चार पांच ग्राम जौ और एक दो ग्राम फल इसको उबाल कर के यदि आप पीते हैं तो उससे मासिक धर्म भी नियमित होने लगता है। 


10 मूल काढ़े के अंदर थोड़ा सा अंजीर डाल दिया जाए। चाहे तो आप पक्की हुई अंजीर को भी डाल सकते है। एक दो अंजीर डाल करके उबाल कर के पिएं। 


जो आपके पीरियड्स की समस्या है, जो महामारी की जो समस्या है उसमें से तुरंत लाभ होगा। 


दूसरा और जो लाभ होगा वो उससे होने वाली जो कमजोरी है, जो हमारी माताएं, बहनें कमजोर है, पेड़ों में दर्द रहता है, लिकोरिआ की शिकायत है या उनको पिरियड कभी आगे पीछे होता रहता है।


 उन सभी के लिए।ये बहुत ही लाभकारी प्रयोग है। 10 मूल काढ़ा के अंदर जैसे दशमूल काढ़ा क्योंकि मैं आपको कही बार बता भी चूका हूँ। 10 मूल  की 


काढ़ा मात्रा है लगभग एक व्यक्ति एक समय पर यानी लगभग 10 ग्राम 10 ग्राम काढ़े के अंदर आप दो तीन अंजीर डाल दें। 


यदि इसकी छाल मिल जाए तो दो तीन ग्राम जड़ की छाल भी डालें नहीं तो सुखा हुआ फल पंसारी किया। आराम से उपलब्ध होगा। उसे आप पानी में उबाल कर और इसको छानकर के पीए। 


 माताएं,बहनों आपका जो कष्ट है, आपकी जो परेशानी है। उससे आपको पता भी ना चलेगा कि कितनी जल्दी आपको मुक्ति मिल गई। तो ये मासिक प्रॉब्लम्स के लिए भी। लेडीज प्रॉब्लम्स के लिए बहुत ही लाभकारी है।


धातु रोग एंव यौन कमजोरी में अंजीर का प्रयोग एंव फायदे


जिन पुरुषों को धातुरोग है। तो निश्चित रूप से यह अंजीर फल आपके लिए बहुत ही गुणकारी है। तो उन सब रोगी लोग अंजीर को दूध में डाल कर के पका करके खा सकते हैं। 


और रात को भिगो कर के सुबह यदि तीन, चार अंजीर आप प्रतिदिन सेवन करें तो यह अंजीर पौधा आपके लिए सिर्फ एक ड्राई फ्रूट का नहीं अभी तो एक दिव्य औषधि का कार्य करेगा। आपको रोग से मुक्त करने के लिए यह बहुत ही सहयोग करेगा।