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Bhang ke patte ke fayde : भांग के पत्तों से क्या फायदा होता है?

आज हम Bhang ke patte ke fayde और नुकसान  के बारे में जानेंगे।  भांग के पत्तों से क्या फायदा होता है  कान दर्द  में भांग के पत्ते के फायदे भा...

आज हम Bhang ke patte ke fayde और नुकसान  के बारे में जानेंगे। 

Bhang ke patte ke fayde : भांग के पत्तों से क्या फायदा होता है?  image
भांग के पत्तों से क्या फायदा होता है


 कान दर्द  में भांग के पत्ते के फायदे

भांग का यदि  पत्तियों को थोड़ा मसल कर के इसके रस को निकाल करके यदि दो दो बूंद कान में डाल दें। तो कान में कितनी भयानक पीड़ा हो रही हो, तो तुरंत इसे लाभ मिल सकता है। 


सर दर्द में भांग के पत्ते के फायदे

जब आपके सर में दर्द हो तो इसको पीस कर के यदि आप इस को सूंघते हैं अथवा इसके रस को दो दो बूंद या चार चार बूंद यदि आप अपनी नाक में डालते है। तो उस से आपका जो सर दर्द है उसमें तुरंत आपको लाभ मिलेगा।


खांसी में भांग के पत्ते के फायदे

खांसी के लिए भी इस भांग के पाउडर के अंदर थोड़ी मात्रा में पीपल और थोड़ा सा काली मिर्च और थोड़ा सा मिला कर  दे से खांसी में तुरंत लाभ मिलता है।


नपुंसकता में भांग के पत्ते के फायदे

जिनको नपुंसकता है या इस तरह के जो दोष है मूत्र इन्द्रिय संबंधित दूसरे विकार है उनके लिए भांग के बीजों को भूनकर के या इसको पीस करके पाउडर बना कर के पाक जैसा बनाकर के एक चम्मच यदि आप सेवन करते हैं। प्रतिदिन तो उससे आपकी आंतरिक शक्ति और यहाँ पौष्टिकता को सारे सारी क्षमता को दूर करके शारीरिक क्षमता को बढ़ाने वाला है। यह बहुत लाभप्रद और गुणकारी है। 


अर्थराइटिस में भांग के पत्ते के फायदे


अर्थराइटिस के लिए दर्द के लिए इसके बीजों को भूनकर के हम एक एक चम्मच पाउडर सुबह शाम सेवन करें तो उससे इसमें लाभ होगा।



विशेष

भारतीय जनमानस में ऐसा भी प्रचलन में है कि भगवान शंकर जी नशा करते थे। ऐसा आम लोगों में प्रचलन में है, परंतु वह भगवान शंकर जो योग के प्रकाण्ड विद्वान थे। 


यदि हम उनके प्रति ऐसी अवधारणा रखते हैं तो शायद वहाँ हमारी अज्ञानता है। वो साधना में लीन रहते थे, वो ध्यान की अवस्था में मस्त रहते थे, दुनिया से खोए खोए से रहते थे। लोगों को लगता था। कि इन्होंने नशा किया हुआ है। 


उनका नशा संसार के पदार्थों का नशा नहीं होता था। उनका नशा तो उस भगवद भक्ति का होता था।

उस आनंद की अवस्था में तल्लीन और हमेशा आत्मस्थ रहने का होता था। 


 भांग सूखा कर के सुल्फा के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है और इसमें से कुछ लोग है, इसको मल मल कर के रगड़ रगड़ कर के फिर चरस बना करके पीते है। 


यह हमें नहीं करना चाहिए यह पौधा यह नशा करने के लिए नहीं है, जीवन को बर्बाद करने के लिए नहीं है।

यदि कम मात्रा में इसको दवा के रूप में आप लेते है, तो यह आपके लिए औषधि का काम करेगा। 


यदि आप अधिक मात्रा में लेते हैं तो निश्चित रूप से यहाँ आप के बल को हरने वाला इस बल को खत्म करने वाला बनेगा। इसीलिए जरूरी है कि आप इसको समझे। एक तरह से हमने इसकी महत्ता को जानते हुए भी। 


इसको बदनाम कर दिया है। यह वायुमंडल को शुद्ध करता है। इसके अंदर दूसरे जीवाणु और विषाणु कम आते हैं। जो विषैले तत्व हमारे शरीर में है। जो टॉक्सिन्स बढ़े हुए है, विजातीय तत्व बढ़े हुए हैं, उनको दूर करने में भी यह अत्यंत कारगर है, इसमें कोई संशय नहीं है।


FQA

भांग से कौन सा रोग होता है?


भांग के ज्यादा इस्तेमाल से बेहोशी एंव दस्त का रोग होता है।


निष्कर्ष

यह नशे की चीज़ नहीं है अपितु यह हमारे लिए एक दिव्य औषधि है। 



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