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जाने क्या है,हरितालिका तीज व्रत और उसके पूजा,महत्व एंव पारण- Hartalika Teej 2023 Date And Time In Hindi

हरितालिका तीज , नेपाल और भारत के कई राज्यों में मनाई जाने वाली एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो भगवान शिव और पार्वती के आपसी प्रेम का प्रतीक...

हरितालिका तीज, नेपाल और भारत के कई राज्यों में मनाई जाने वाली एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो भगवान शिव और पार्वती के आपसी प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को भाद्रपद मास में मनाया जाता है, जो अक्टूबर से सितंबर के बीच होता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पार्वती माता और भगवान शिव की कथा का पाठ करती हैं, ताकि वह अपने पति की लम्बी आयु और सुख-संपत्ति की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें।

जाने क्या है,हरितालिका तीज व्रत और उसके पूजा,महत्व एंव पारण- Hartalika Teej 2023 Date And Time In Hindi
Hartalika Teej 

हरितालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर महिलाएं स्नान करती हैं और फिर व्रत आरंभ करती हैं। व्रत के दौरान, वह बिना पानी पीये रहती हैं और पार्वती माता की पूजा करती हैं। इसके बाद, वह बर्तन और उपयोगी वस्त्र को तीज के रंगों में सजाती हैं और फिर अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर पूजा एंव कथा का श्रवण करती है।

हरितालिका तीज का महत्व विवाहित महिलाओं के लिए अत्यधिक होता है, क्योंकि इसका पर्व उनके पतिव्रत्ता जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से को दर्शाता है। यह तीज के दिन व्रत कथा का श्रवण करती हैं और अपने पति के दीर्घायु और सुख-संपत्ति की प्राप्ति की प्रार्थना करती हैं।

इस त्योहार के दिन अन्य सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ महिलाएं अपने दोस्तों और परिवार से मिलकर खुशियों का आनंद लेती हैं। यह एक अद्वितीय तरीका है जिसमें हिन्दू महिलाएं अपने समर्पण और प्रेम का प्रतीक दिखाती हैं और अपने पति के लिए शुभकामनाएं भेजती हैं।

हरितालिका तीज एक धार्मिक और सामाजिक त्योहार है, जो पार्वती माता जी की भक्ति और पतिव्रत्ता महिलाओं के महत्वपूर्ण भूमिका को मनाता है। यह तीज हमें यह सिखाता है कि प्यार और समर्पण का महत्व समाज में कैसे है, और हमारे संबंधों को मजबूत और सदैव खुशहाल बनाने के लिए हमें कैसे प्रयासरत रहना चाहिए।

समय और दिनांक

तृतीया तिथि प्रारंभ

17 सितंबर रविवार सुबह 11:10 से शुरू

तृतीया तिथि समाप्त — 

18 सितंबर सोमवार दोपहर 12:39 तक


18 सितंबर सोमवार सूर्योदय सुबह 6:18 से 5:29

ब्रम्हा मुहूर्त सुबह 4:41 से 12:45

अभिजीत मु​हूर्त सुबह 11:56 से 12:45

अमृत काल सुबह 4:30 से 6:06

राहुकाल सुबह 7:30 से 9 बजे तक


पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 6:07 से 8:34

सुबह 9:11 से 10:43

दोपहर का मुहूर्त 3:19 से शाम 7:51

प्रदोष काल शाम 5:39 से 7:09 तक


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