google.com, pub-8818714921397710, DIRECT, f08c47fec0942fa0 सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं - सदाबहार वन (evergreen forests) - Purvanchal samachar - पूर्वांचल समाचार

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सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं - सदाबहार वन (evergreen forests)

 सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं? सदाबहार या सदापर्णी वन— इस प्रकार के बन प्रदेश पश्चिमी तट, असम तथा अण्डमान निकोबार में पाये जाते है। यह...

 सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं?

सदाबहार या सदापर्णी वन— इस प्रकार के बन प्रदेश पश्चिमी तट, असम तथा अण्डमान निकोबार में पाये जाते है। यहॉं वर्षा 200 सेमी से अधिक होती है, और वार्षिक औसत तापमान 24 सेग्रे. के लगभग रहता है। यह अत्यन्त घने तथा उॅंचे वृक्षों वाले वन हैं तथा वर्ष भर हरे—भरे रहतेह है। इसी कारण इनको सदाबहार वन कहा जाता है। इनमें अनेक प्रकार के पेड़ जैसे रबड़ बॉंस बेंत, महोगनी तथा तुल्सर आदि पाये जाते है। इन वनों में एक विशेष प्रकार का अंगरू नामक वृक्ष पाया जाता हैं। जिसकी लकड़ी से मधुर सुगन्ध प्राप्त होता है। इन वनों में जंगली जानवर भी अधिक पाये जाते है। 

सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं - सदाबहार  वन (evergreen forests) , image
 सदापर्णी वनों से आप क्या समझते हैं

झाड़ीदार वन —

यह वन अरावली राजस्थान तथा पश्चिमी घाट पर्वत के पूर्वी वृष्टि छाया के ढ़ालों पर कर्नाकट,आन्ध्रप्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में मिलते हैं। इन वनों में बबूल,झाउ तथा खेजड़ा के वृक्ष है।


राज्य सरकारे एंव वन विभाग के द्वारा भारत में वन— क्षेत्रफल तथा उनकी दशा में सुधार हेतु अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गये।