Vranasi News: जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने एंव दिव्यांगता रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को प्राथमिक...
Vranasi News: जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने एंव दिव्यांगता रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव पर फाइलेरिया से ग्रसित 60 रोगियों को रौंदता, प्रबंधन रोकथाम, कीट और आवश्यक दवा प्रदान की गई।
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साथ ही रोगियों को धाव की नियमित सफाई के तरीके, योगा को सामान्य व्यायाम के बारे में बताया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग तत्वावधान में व शिफा संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद्र पांडेय, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शेर मोहम्मद, डॉक्टर सरीन कुमार ने सभी रोगियों को एमएमडीपी कीट के बारे में सभी रोगियों को प्रशिक्षित किया। और एमएमडीपी किट प्रदान की इस दौरान फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के 42 रोगियों को भी कीट व प्रशिक्षण दिया गया।
बीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं।
इसमें समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया अंगों से पानी का रिसाव होता है। इसी स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है।
इस कीट में एक एक बाल्टी तौलिया, साबुन, ऐंटिफंगल क्रीम आदि शामिल हैं। पीएचसी नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बिमारी से जुड़ें।मिथक को भी दूर कर रहे हैं। डॉक्टर सलीम कुमार ने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया के कारण, लक्षण पहचान, बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया।
फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग के बारे में जानकारी दी। एम एम् डी पी किट को हाथी पांव ग्रसित रोगियों के उपयोग के बारे में बताया , सदस्य सायरा बानो ने बताया कि वह लगभग 15 वर्ष से हाथी पांव बिमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने कई वर्षों तक इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पीएचसी समूह के साथ जोड़कर डॉक्टर से इसकी देखभाल के लिए संपूर्ण जानकारी मिली, जिसे वह अपने सूजे हुए पैरों की नियमित देखभाल कर रही है। अन्य सदस्य विमल सिंह ने बताया कि वह करीब 55 साल से फाइलेरिया हाथी पांव से ग्रसित हैं। कई वर्षों तक उपचार कराएं, दवा भी खाई लेकिन आराम नहीं मिला, हाल ही में पीएससी समूह के साथ जुड़ने के बाद फाइलेरिया के बारे में संपूर्ण जानकारी मिली।
अब वह कीट के जरिए अपने सूजे हुए पैरों की साफ सफाई और देखभाल करेंगी। साथ ही योगा व सामान्य व्यायाम भी करें कि इसके अलावा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक करनेकी में मदद करेगी।
दोनों रोगियों को उपचार के लिए चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में संचालित फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र के लिए रेफर किया गया। इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी दिवाकर वर्मा, मलेरिया निरीक्षक विनोद कुमार, सीनियर लैब टेक्नीशियन राजेश यादव, हेल्थ सुपरवाइजर अजय कुमार राय, पथ से डॉक्टर सलीम कुमारसिफ़र संस्था के प्रतिनिधि एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।