Om Ashram: ओम आकार का यह मंदिर भारत से लेकर विदेशों तक चर्चाओं में है। मंदिर के अंदर विराजमान है 12 ज्योतिर्लिङ्ग 1000 से भी ज्यादा प्रतिमा...
Om Ashram: ओम आकार का यह मंदिर भारत से लेकर विदेशों तक चर्चाओं में है। मंदिर के अंदर विराजमान है 12 ज्योतिर्लिङ्ग 1000 से भी ज्यादा प्रतिमाएं और 100 से भी ज्यादा कमरे आसमान से देखने पर मंदिर लगता है। ओम जैसा यह मंदिर भारत से लेकर विदेशों तक सुर्खियां बटोर रहा है।
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Om Mandir |
आपने अक्सर बहुत सारे मंदिर और उनकी अनोखी बनावट के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, उससे पूरे मंदिर का आकार ओम का है। यह एक ऐसा मंदिर है जिसके दर्शन के लिए भक्त विदेशों तक से आते हैं। और इसके आकार को देखकर चकित रह जाते हैं।
आज हम आपको इस ओम मंदिर के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताने जा रहे हैं ताकि आप भी समझ पाए कि यह मंदिर इतना अनोखा क्यों हैं? दरअसल राजस्थान के जोधपुर शहर से किलोमीटर दूर पाली जिले का जाडन गांव है। और इसी गांव में ओम के आकार का भव्य मंदिर बना हुआ है। जिसका निर्माण कार्य अभी चल रहा है। इस गांव में बन रहे, ओम आकार के मंदिर में ओम का स्वरूप लगभग ले लिया है।
इसका मंदिर 250 एकड़ जमीन के परिसर में निर्माणाधीन हैं। आसमान से ली गई मंदिर की तस्वीर में ओम के साथ साक्षात्कार की अनुभूति महसूस होती है। भव्य व आकर्षक दिखने वाले मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1995 में ही हो गया था।
इस ॐ मंदिर को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा है की ये मंदिर 2024 तक पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। जार्डन गांव के ओम आकार का मंदिर के स्वामी महेश्वरानंद महाराज का दावा है कि पूरे भूमंडल पर ओम आकृति का ये पहला मंदिर है। स्वामी महेश्वरानंद महाराज के पूरी दुनिया में भक्त है।
इस ओम आकृति के मंदिर में विदेशी भक्तों की तादाद ज्यादा रहती है। आप जानकर चकित रह जाएंगे कि इस ओम आकार के मंदिर में भगवान महादेव की 1008 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी, जिसमें आपको 12 ज्योतिर्लिङ्ग दिखेंगे। इस मंदिर का शिखर 135 फ़ीट ऊंचा है। मंदिर परिसर में 108 कक्ष बनाए गए हैं।
पूरे मंदिर परिसर को 2000 स्तंभ पर बनाया गया है। मंदिर निर्माण के लिए करीब 400 से अधिक लोग जुटे हुए हैं। ओम आकृति के बीचो बीच गुरु माधव नंद जी की समाधि बनाई गई है। इसके ऊपर वाले भाग में स्फटिक के शिवलिंग से मंदिर बनाया गया है।
ऊपर वाले भाग में ब्रह्माण्ड के जैसी बनी आकृति देखने में बहुत खूबसूरत है। ना घर श्रेणी से बना हुआ ओम प्रकृति का मंदिर बनाने के लिए पत्थर धौलपुर की बंसी पहाड़ी से लाया जा रहा है ताकि इस मंदिर की खूबसूरती को और निखारा जा सके। इस मंदिर परिसर के नीचे 2,00,000 टन की टंकी का निर्माण भी किया गया है।
भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार सृष्टि के रचयिता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ओम का प्रतीक माना जाता है। ओम का निराकार भव्य मंदिर का रूप भारत की धरती पर बनाया जा रहा है। गांव को सैटेलाइट के रूम से देखने पर ओम मंदिर बेहद खूबसूरत नजर आता है। हिंदू धर्म में ओम मंत्र को महामंत्र माना जाता है और रोजाना सुबह उठकर इस महामंत्र का जाप भी किया जाता है।
ओम महा मंत्र का जाप इतना सकारात्मक है। कि देश ही नहीं विदेश के भी कई मंदिरों में इसका जाप होता है।
वैज्ञानिक इस ओम को लेकर यहाँ तक मानते हैं कि जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड से ध्वनि निकलती है। वह भी ओम की है।
ओम आकार के मंदिर तक कैसे जाये?
ओम आकार का मंदिर राजस्थान के पाली जिले में जाडन गांव नेशनल हाईवे 62 पर स्थित है और जोधपुर एअरपोर्ट से 71 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, अहमदाबाद को चलने वाली ट्रेन मारवाड़ जंक्शन के करीब होने से भी आसानी से इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।