google.com, pub-8818714921397710, DIRECT, f08c47fec0942fa0 गंगा दशहरा कब है ? महत्त्व,दान,कथा | Ganga Dusshera Kab Hai | Date 2023 - Purvanchal samachar - पूर्वांचल समाचार

Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

ads

गंगा दशहरा कब है ? महत्त्व,दान,कथा | Ganga Dusshera Kab Hai | Date 2023

 गंगा दशहरा Ganga Dusshera का उत्सव अमावस्या से प्रारंभ होकर 10 वीं तिथि तक चलता है और गंगा दशहरा के दिन माता गंगा जी का इस धराधाम पर अवतर...

 गंगा दशहरा Ganga Dusshera का उत्सव अमावस्या से प्रारंभ होकर 10 वीं तिथि तक चलता है और गंगा दशहरा के दिन माता गंगा जी का इस धराधाम पर अवतरण हुआ। इस विशेष दिन को  ही गंगा दशहरा का उत्सव मनाया जाता है।

गंगा दशहरा कब है ? महत्त्व,दान,कथा | Ganga Dusshera Kab Hai | Date 2023, images , photo, purvanchal samachar
Ganga Dusshera image


सामान्य तौर पर कुछ मॉ गंगा को एक नदी के रूप में जानते है।लेकिन अगर हम सनातन धर्म की बात करें, सनातन धर्म के शास्त्र की बात करें तो सनातन धर्म में इससे बहुत ज्यादा पवित्र माना जाता है। और गंगा को हम सामान्यतः कोई साधारण नदी नहीं समझते। इससे हिंदू धर्म में माँ का स्थान प्राप्त है। गंगा और गायत्री और गाय ये तीन चीजों को अलग से माता का स्थान दिया गया है। माना जाता है कि गंगा का जल पुण्य प्रदान करता है और पापों का नाश करता है। 

सामान्यतः किसी भी पूजा उपासना में अगर हम हिंदू धर्म की बात करें तो गंगा जल का विशेष प्रयोग होता है। गंगा स्नान करने का विशेष महत्त्व होता है और पूजा पाठ में भी इसे विशेष महत्त्व बताया गया है। सनातन धर्म माता गंगा जी को सामान्य नदी नहीं समझते गंगा जी को ऐसा मानते हैं कि इनके संपर्क में आने मात्र से आपके पापों का नाश होता है। आप की पवित्रता बढ़ती है, आपके अंदर जो पुण्य का तत्व है वो भी निश्चित रूप से बढ़ जाता है। हमने आपको गंगा नदी की सामान्य महिमा के बारे में बताया।


पुराण क्या कहते हैं , गंगा के बारे में इसका पौराणिक महत्त्व क्या है?


देखिए ऐसा माना जाता है कि गंगा श्री विष्णु के चरणों में रहती थी। भगवान विष्णु के चरण में विद्यमान है।और भागीरथ की तपस्या की वजह से गंगा धरती पर आई और जब बड़े वेग से स्वर्ग से गंगा धरती की तरफ चली तो भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया।


और फिर भगवान शिव जी ने अपनी जटाओं को सात धाराओं में विभाजित कर दिया। यानी गंगा की मुख्य ता सात धाराएं हैं।नलिनी, खरीदनी, पावनी, सीता चक, खुश सिंधु और भागीरथी। भागीरथी ही आगे चलकर के गंगा हुई और हिंदू धर्म में गंगा को मोक्षदायिनी माना गया। 


भागीरथ ऋषि के तपस्या से आने की वजह से इनका एक नाम भागीरथी हुआ। इन्हें कहीं कहीं पर माता पार्वती जी की बहन भी कहा जाता है। और अभी भी भगवान शिव की जटाओं में इनका वास है यानी भगवान शिव की जटाओं में जब गंगा आई तो पूरी तरह से भगवान शिव ने ने मुक्त नहीं किया ताकि बाढ़ ना जाए। थोड़ी सी इन की धारा को मुक्त किया और वही धारा फिलहाल पृथ्वी पर आप।देख पाते हैं।


 पुराण ऐसा मानते हैं कि गंगा भगवान शिव की जटाओं में रहती है और भगवान शिव की कृपा से ही धरती पर गंगा बह रही है। देखिए गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।


माना जाता है कि इसी दिन माता गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था।गंगा दशहरे के दिन गंगा नदी में स्नान करना। गंगा जल का प्रयोग करना और दान करना किसी निर्धन व्यक्ति को अगर आप दान करते हैं तो यह विशेष लाभकारी माना जाता है।


गंगा दशहरे के दिन गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। और व्यक्ति को मुक्ति और मोक्ष का लाभ मिलता है।


इस बार गंगा दशहरा का जो अवसर है वह 30 मई को है। अगर आप मॉ गंगा नदी में स्नान करते हैं। गहरा ध्यान करते है और गहराई से गंगा की महिमा को समझ करके पूजा उपासना करते हैं तो मन आपका पवित्र, निश्चित रूप से होता है और पवित्र मन से की गई प्रार्थना निश्चित रूप से स्वीकार होती है। इसीलिए गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से।दान करने से और ध्यान करने से आपके जीवन में शुभता आएगी और आपका मन पवित्र अवश्य ही हो पाए।

गंगा दशहरा कब है ? महत्त्व,दान,कथा | Ganga Dusshera Kab Hai | Date 2023, images , photo, purvanchal samachar
Ganga Dusshera image


गंगा दशहरा को क्या दान करना चाहिए? 


कह रहा है। दिन में कुछ चीजों का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि आती है। आइए जानते हैं गंगा दशहरा के दिन किन चीजों का दान करना शुभ माना गया है और किन चीजों का दान अशुभ ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, गंगा दशहरा के दिन श्रद्धालु जीस भी वस्तु का दान करें। उनकी संख्या 10 होनी चाहिए और जीस वस्तु से भी पूजन करें। 

उसकी संख्या भी 10 होनी चाहिए। ऐसा करना शुभ माना गया है। इसके अलावा दक्षिणा भी 10 ब्राह्मणों को ही देना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन दान करने का खास महत्त्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से व्यक्ति सभी संकटों से छुटकारा पाता है और व्यक्ति के बिगड़े काम भी बनते है। इसी दिन जलफल, वस्त्र पूजन और सुहाग सामग्री नमक, तेल, गुड़ और स्वर्ण दान करने का खासा महत्त्व है। 

सनातन धर्म के अनुसार गंगा दशहरा के दिन किसी भी प्यासे को पानी पिलाने से कई तपस्या के बराबर फल मिलता है। इस दिन चलते फिरते हर प्यासे को पानी जरूर पिलाना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि अगर आपके घर में कोई पुराने कपड़े या फिर सड़े गले अन्य भोजन हो तो इस दिन गलती से भी ऐसी चीजों का दान ना करें जिसका इस्तेमाल आप स्वयं नहीं कर सकते। 

गंगा दशहरा कब है ?

गंगा दशहरा 30 मई दिन मंगलवार को है।  इस दिन मॉ गंगा नदी में स्नान ,पूजा और दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता ​गंगा का नाम जपने से पापों से छुटकारा मिलती है।

।। जय माता गंगे , हर हर गंगे।।