google.com, pub-8818714921397710, DIRECT, f08c47fec0942fa0 सावन का पहला सोमवार:विवाह नही हो पा रहा हो, वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो - Sawan ka pehla Somwar - Purvanchal samachar - पूर्वांचल समाचार

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सावन का पहला सोमवार:विवाह नही हो पा रहा हो, वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो - Sawan ka pehla Somwar

सावन का हर दिन अपने आप में बहुत पवित्र है, बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन सावन के सोमवार की बात अनूठी है। निराली है सावन का सबसे ज्यादा शुभ फल और...

सावन का हर दिन अपने आप में बहुत पवित्र है, बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन सावन के सोमवार की बात अनूठी है। निराली है सावन का सबसे ज्यादा शुभ फल और सबसे ज्यादा शुभ परिणाम सावन के सोमवार पर मिलता है। 

सावन का पहला सोमवार:विवाह नही हो पा रहा हो, वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो - Sawan ka pehla Somwar   image
Sawan ka pehla Somwar 


सावन का पहला सोमवार

आज कार्यक्रम में हम बात करेंगे सावन का पहला सोमवार (Sawan ka pehla Somwar) की  और इसके महिमा की इस दिन क्या प्रयोग करें, क्या उपाय करें इस विषय पर चर्चा करेंगे, तो चलिए कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।


सबसे पहले आज का पंचांग 

दिनांक 10 जुलाई 2023 दिन सोमवार ,तिथि श्रावण कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शाम के 6:44 तक ,नक्षत्र है, रेवती नक्षत्र शाम के 6:59 तक चन्द्रमा मीन राशि में संचरण कर रहे हैं, शाम के 6:59 तक।


राहुकाल का समय प्रातः काल 7:30 से लगभग 9:00 बजे तक पूर्व दिशा की तरफ दिशाशूल है। यात्रा करने की मनाही है, लेकिन अगर यात्रा करना जरूरी है, मजबूरी है तो जरासी मिश्री खाकर दर्पण में चेहरा देखकर और भगवान का स्मरण करके यात्रा करेंगे।

तो मुश्किल से बचे रहेंगे। चलिए आप जान लेते हैं 10 जुलाई 2023 दिन सोमवार को प्रातः काल 5:30 पर ग्रहों की स्थिति क्या है?

सूर्य विद्यमान हैं मिथुन राशि में बुद्ध संचरण कर रहे हैं, कर्क राशि में शुक्र और मंगल विद्यमान हैं सिंह राशि में, केतु विद्यमान हैं तुला राशि में ,शनि विद्यमान हैं कुंभ राशि में ,चन्द्रमा संचरण कर रहे हैं मीन राशि में और बृहस्पति तथा राहु फिलहाल चल रहे हैं। मेष राशि में।


सावन के सोमवार की हम बात करने जा रहे हैं। तो सबसे पहले यह जानते हैं कि सावन के सोमवार का महत्त्व क्या है?

देखिये पूरा पूरा श्रावण का महीना जब तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है। लेकिन सावन के सोमवार का विशेष महत्त्व है, विशेष इम्पोर्टेन्स है। सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का दिन है और चंद्रमा के नियंत्रक है भगवान शिव इसीलिए सावन के सोमवार पर जब आप पूजा करते है।

तो चंद्रमा की कृपा तो मिलती ही है। साथ ही साथ भगवान शिव की कृपा भी मिलती है। सावन का महीना, भगवान शिव का महीना और सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन यानी महीना भी शिव का हो दिन भी शिव का हो तो, उसके परिणाम बेहद शुभ होते हैं।

इसीलिए सावन का सोमवार इतना ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, स्वास्थ्य खराब रहता हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छाई हुई हो, पैसे रुपयों की कठिनाई बहुत ज्यादा हो, अगर सावन के हर सोमवार पर विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करें।

तो तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। आपकी शादी नहीं हो रही है, आपका स्वास्थ्य खराब रहता है, आप पैसे रुपए को लेकर कठिनाई झेल रहे हैं। सावन के सोमवार पर भगवान शिव की पूजा करेंगे, आपका मंगल होगा, आपका कल्याण होगा।ऐसा माना जाता है। कि सोमवार और शिव जी के संबंध की वजह से ही माता पार्वती ने 16 सोमवार का उपवास रखा था।

और बाद में माता पार्वती मैया ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। सावन के सोमवार पर अगर आप पूजा करते हैं। तो यह पूजा विवाह और संतान की समस्याओं के लिए अचूक मानी जाती है। 

सावन के सोमवार पर छोटी सी पूजा करके आपका विवाद जल्दी हो सकता है। और संतान की प्राप्ति आपको आसानी से हो सकती है। सावन के सोमवार की और विशेषताएं क्या है उस पर भी बात करेंगे, 


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अगर आप सावन के सोमवार पर पूजा उपासना करते हैं। तो इसका आखिर महत्त्व क्या है? 

देखिए भगवान शिव की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है। विवाह नही हो पा रहा हो। वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो। 

सावन का सोमवार आपकी मुश्किलों को दूर कर देगा। अगर कुंडली में विवाह का योग ना हो या विवाह होने में अड़चन आ रही हो। तो सावन के सोमवार पर पूजा जरूर करनी चाहिए।

अगर कुंडली में आयु की बाधा हो या स्वास्थ्य की लगातार समस्याएं रहती हो, या मानसिक स्थितियों की समस्या रहती हो। तब भी सावन के सोमवार की पूजा उत्तम होती है।

सावन के सोमवार पर मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। और इसमें मुख्य रूप से शिवलिंग की पूजा होती है। शिव जी के निराकार स्वरुप की पूजा होती है और उस शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित किया जाता है।

यह भी पढ़े:शिव चालीसा


सावन के सोमवार की सामान्य पूजा विधि क्या है? 

एक आम आदमी सावन के सोमवार पर पूजा कैसे करेगा? प्रातःकाल या प्रदोषकाल में सुबह सुबह या सूर्यास्त के आस पास के समय में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाइए। घर से नंगे पैर जाएंगे। और घर से ही लौटे में जल भरकर ले जाएंगे। मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करेंगे। और भगवान शिव जी को साष्टांग प्रणाम करेंगे। 

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महिलाएं भगवान शिव जी को साष्टांग प्रणाम नहीं करेंगी। और इसके बाद वहीं पर खड़े होकर मंदिर में या किसी किनारे पर बैठकर के 108 बार नमः शिवाय का जप करिएगा। दिन में केवल फलाहार करिएगा। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं, तो दिन में केवल फलाहार करिये। 

शाम को भगवान शिव के मंत्रों का फिर से जब करें, उनकी आरती करें और फिर फलाहार ग्रहण करें। अगले दिन पहले अन्न, वस्त्र का दान करेंगे। यानी मंगलवार को सवेरे अन्न, वस्त्र का किसी निर्धन व्यक्ति को दान करेंगे। तब जाकर व्रत का समापन करेंगे, व्रत का पारायण करेंगे। 

यह तो एक सरल तरीका हो गया सावन के सोमवार पर पूजा करने का अब आपको बताते हैं। एक विशेष उपाय जो सावन के सोमवार पर आप कर सकते हैं। और विशेष फायदा पा सकते हैं।


क्या है विशेष उपाय

 भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाए यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद के समय में भगवान शिव की पूजा हो। इस समय शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करें। 

इसके बाद शिवजी के मंदिर में एक घी का दीपक जला दें।इसके बाद शिवलिंग की अर्ध परिक्रमा करें।और इसके बाद शिवजी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें। यानी सावन के सोमवार पर 

अगर आपने सुबह पूजा कर ली है कोई बात नहीं, प्रदोष काल में एक बार और पूजा करिएगा। जैसा तरीका हमने आपको बताया और अगर उसी तरीके से आप प्रदोष काल में पूजा कर लेते हैं। तो आपकी बाधाएं निश्चित रूप से दूर हो जायेगा। 

देखिये सावन के पहले सोमवार पर एक विशेष उपाय आप और कर सकते हैं सावन के पहले सोमवार पर चांदी का एक बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। पूजा करें भगवान शिव की, उसके बाद चांदी के उस बेल पत्र को वापस ला करके अपने धन के स्थान पर आप रख सकते हैं। और अगर आप ऐसा करते हैं, तो निरंतर आपके पास धन बना रहेगा। 

धन का भाव नहीं होगा। दूसरा उपाय आप सावन के पहले सोमवार पर सफेद मिठाई लोगों को खिलाईये, सफेद मिठाई बांटिये, या खीर बांटिये अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका कल्याण होगा, आपकी मुश्किलें हल होंगी। 


People also ask (FAQ)


सावन सोमवार व्रत क्यों रखा जाता है?

सावन सोमवार व्रत ऐसे को किसी भी मनोकामनाए के लिए किया जा सकता है। लेकिन विवाह के लिए अथवा अपने वैवाहिक जीवन को मधुर एंव आनंदमय, सुखमय बनाने के लिए रखा जाता है।

माता पार्वती मैया ने भी 16 सोमवार का व्रत किया एंव तपस्या किया तभी जाकर भगवान शिव उन्हें पति रूप में प्राप्त हुए।


सावन के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

सावन के व्रत में शाम को आप संध्या पूजन के बाद शिव जी के नाम लेकर फलाहार या फलों के रस,दुध एंव खोवा से निर्मित मिखाईयों का सेवन कर सकते है।


सावन का पहला सोमवार कब है 2023?

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है।


सावन के महीने में हमें क्या नहीं खाना चाहिए?

सावन के महीने में हमें मांस मदिरा नही खाना चाहिए।



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